भारतीय जनता पार्टी के महासचिव और मध्य प्रदेश के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय इंदौर के एक सरकारी घर पर कथित तौर पर ‘जबरिया क़ब्ज़े’ को लेकर उलझ गये हैं। बंगला उन्हें लोक निर्माण विभाग के मंत्री रहते अलाॅट हुआ था। बाद में बाला-बाला इस घर को उस आशा फ़ाउंडेशन के नाम आवंटित कर दिया गया था, जिसकी मुखिया विजयवर्गीय की पत्नी आशा विजयवर्गीय हैं। सामने आया है कि फ़ाउंडेशन ने पिछले 10 सालों से बंगले का किराया नहीं भरा है।
सरकारी बंगला: कांग्रेसियों के पीछे पड़े थे, फँस गए बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय!
- मध्य प्रदेश
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- 24 Jun, 2020

कैलाश विजयर्गीय बंगला विवाद को लेकर चर्चा में हैं। मंत्री रहने के दौरान आवंटित हुए बंगले को उन्होंने अपनी पत्नी के नाम कर दिया और किराया भी नहीं दिया है।
इंदौर के पलासिया क्षेत्र स्थित सरकारी घर से जुड़ा पूरा मामला बेहद दिलचस्प है। क्षेत्र में कई बंगले हैं। बंगला नंबर 2 और 3 लोक निर्माण विभाग के पुल में हैं। साल 2003 में बीजेपी सत्ता में आयी थी। कैलाश विजयवर्गीय मंत्री बनाये गये थे। विजयर्गीय के पास लोक निर्माण महकमे का ज़िम्मा आया था।