women cricketers molestation: मध्य प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में दो ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों से छेड़छाड़ को उनके लिए "सबक" बताया। उनकी इस विवादास्पद टिप्पणी की जबरदस्त आलोचना हो रही है। विपक्ष का कहना है कि यही बीजेपी और विजयवर्गीय की विचारधारा है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय
मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इंदौर में ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों के साथ हुए उत्पीड़न पर विवादास्पद बयान दिया। विजयवर्गीय ने कहा कि यह घटना महिला खिलाड़ियों के लिए एक सबक है। उन्होंने सुझाव दिया कि खिलाड़ियों को यात्रा के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए और स्थानीय प्रशासन या सुरक्षा कर्मियों को पहले से सूचित करना चाहिए। उनके इस बयान में कहा गया कि दोनों ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों को इस घटना से “सबक सीखना चाहिए।” उनके इस बयान से व्यापक नाराजगी फैल गई है। भारत 2025 के आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप की मेजबानी कर रहा है। आईसीसी के चेयरमैन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह हैं।
विजयवर्गीय ने सुरक्षा चूक पर पूरी तरह ध्यान केंद्रित करने के बजाय कहा कि क्रिकेट खिलाड़ियों को बाहर निकलते समय स्थानीय प्रशासन को सूचित रखना चाहिए, क्योंकि भारत में उनकी लोकप्रियता बहुत अधिक है। उन्होंने कहा, “मैंने व्यक्तिगत रूप से फुटबॉल खिलाड़ियों के कपड़े भीड़ के कारण फटते देखे हैं। एक अंग्रेजी फुटबॉल खिलाड़ी मेरे साथ एक होटल में रुका था, और अचानक बड़ी संख्या में युवा प्रशंसक आ गए। किसी ने उसका ऑटोग्राफ लिया, एक लड़की ने उसे चूमा, और उसके कपड़े फट गए। खिलाड़ियों को अपनी लोकप्रियता के बारे में जागरूक होना चाहिए। यह घटना सभी के लिए एक सबक है, हमारे लिए भी और खिलाड़ियों के लिए भी।”
उन्होंने कहा, “भारत में क्रिकेटरों के लिए जबरदस्त दीवानगी है।” हालांकि उन्होंने आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी की और कहा, “यह इंदौर और देश के लिए शर्मनाक है। हमने संबंधित अधिकारियों को आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। ऐसी घटना को रोकने के लिए कठोर सजा देकर उदाहरण स्थापित करना चाहिए।”
पुलिस के अनुसार, आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप में भाग ले रही दो ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों का गुरुवार सुबह इंदौर में कथित तौर पर पीछा किया गया, जिसमें से एक के साथ छेड़छाड़ की गई। यह घटना खजराना रोड क्षेत्र में हुई, जब खिलाड़ी अपने होटल से निकलकर एक कैफे की ओर पैदल जा रही थीं। एक मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति ने उनका पीछा किया और कथित तौर पर एक क्रिकेटर के साथ अभद्र व्यवहार किया, फिर मौके से फरार हो गया। पुलिस ने शुक्रवार को आरोपी को ट्रैक कर गिरफ्तार कर लिया।
विपक्ष का तीखा हमला
विजयवर्गीय के बयान की विपक्षी नेताओं ने कड़ी निंदा की है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता अरुण यादव ने इस बयान को “गैर-जिम्मेदाराना” बताया। उन्होंने कहा, “यह घटना उस राज्य की विफलता को उजागर करती है, जो अपने मेहमानों की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं कर सका, जहां हम ‘अतिथि देवो भव’ के सिद्धांत का पालन करते हैं। कैलाश जी का बयान एक परेशान करने वाली मानसिकता को दर्शाता है। महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के बजाय, मंत्री पीड़ितों को ही दोष दे रहे हैं।”
महिलाओं पर अभद्र टिप्पणी के लिए बदनाम हैं विजयवर्गीय
यह पहली बार नहीं है जब विजयवर्गीय ने महिलाओं और नैतिकता पर अपने बयानों से विवाद खड़ा किया है। कुछ महीने पहले, उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, “हम पुरानी संस्कृति के लोग हैं। अपनी बहनों के गांव में हम पानी भी नहीं पीते। जीरापुर, जहां मेरी बुआ रहती थीं, वहां मेरे पिता घर से पानी का मटका ले जाते थे। आज के हमारे विपक्षी नेता ऐसे हैं कि वे चौराहे पर अपनी छोटी बहनों को चूम लेते हैं। मैं आपसे पूछता हूं, आप में से कौन अपनी छोटी बहनों या बेटियों को सार्वजनिक रूप से चूमता है?” यह बयान सितंबर में गांधी पर स्पष्ट हमले के रूप में देखा गया था।
उन्होंने आगे कहा, “यह मूल्यों की कमी है। ये विदेशी मूल्य हैं, जो विदेश में पले-बढ़े हैं। वे प्रधानमंत्री के साथ भी अभद्रता से बात करते हैं।”
विजयवर्गीय के इन बयानों ने एक बार फिर उनकी और उनकी पार्टी की विचारधारा और महिलाओं के प्रति उनके नज़रिए पर सवाल उठाए हैं, जिससे यह मुद्दा और गंभीर हो गया है।