मध्य प्रदेश के गुना जिले में दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। आरोप है कि रविवार को एक बीजेपी नेता ने एक किसान को अपनी थार गाड़ी से कुचलकर बेरहमी से हत्या कर दी। यह घटना फतेहगढ़ थाना क्षेत्र के गणेशपुरा गांव में हुई। पुलिस के अनुसार, किसान रामस्वरूप धाकड़ अपनी पत्नी के साथ अपने खेत में थे, तभी बीजेपी नेता महेंद्र नागर और उनके साथियों ने उन्हें घेर लिया और हमला कर दिया। इस घटना ने यूपी के लखीमपुर खीरी में निहत्थे किसानों पर गाड़ी चढ़ाकर मार डालने की घटना की याद ताज़ा हो गई है। 

किसान को पहले पीटा, फिर थार से रौंदा

रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरोपी महेंद्र नागर ने पहले रामस्वरूप धाकड़ को बुरी तरह पीटा और फिर घायल किसान को अपनी थार गाड़ी से कुचल दिया। इस हमले में रामस्वरूप की मौके पर ही हालत गंभीर हो गई। जब किसान की बेटियां अपने पिता को बचाने के लिए मौके पर पहुंचीं, तो उनके साथ भी अमानवीय व्यवहार किया गया। आरोपी महेंद्र नगर ने बेटियों पर हमला किया, उनके कपड़े फाड़े और हवा में गोली चलाकर दहशत फैलाई।
पीड़िता के भाई रामकुमार ने बताया कि आरोपियों ने करीब एक घंटे तक मारपीट जारी रखी। उन्होंने कहा, "उन्होंने दोनों लड़कियों के कपड़े फाड़ दिए और करीब 20 लोग हवा में गोलियां चला रहे थे, जिससे हम डर गए। वे करीब एक घंटे तक मारपीट करते रहे। इसके बाद आरोपियों ने उन पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया और बाद में एक कार (थार) भी।"
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पुलिस अधिकारियों ने बताया कि घायल किसान को करीब एक घंटे तक अस्पताल नहीं ले जाने दिया गया, क्योंकि आरोपियों ने बंदूक की नोक पर उसे अपने कब्जे में रखा। आखिरकार जब धाकड़ को जिला अस्पताल ले जाया गया, तो इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। गांव में मौत की खबर पहुंचने के बाद तनाव है।

महेंद्र नागर का गांव में आतंकः महेंद्र नागर का नाम पूरे गांव में दहशत का पर्याय बन चुका है। कोई भी ग्रामीण उनके खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता। बताया जाता है कि महेंद्र नागर छोटे किसानों को डराकर उनकी जमीन हड़पने का काम करता है। इसके चलते गणेशपुरा गांव के लगभग 25 किसानों ने अपनी जमीन कौड़ियों के दाम बेचकर गांव छोड़ दिया। हालांकि, रामस्वरूप धाकड़ ने इस तानाशाही का विरोध किया, जिसके चलते उन पर हमला हुआ और उनकी हत्या कर दी गई। विडंबना यह है कि महेंद्र नागर भाजपा किसान मोर्चा से जुड़ा हुआ है।

  • गणेशपुरा के निवासियों ने बताया कि महेंद्र नागर ने लंबे समय से छोटे किसानों को धमका कर जमीने हड़प रहा था। लगभग 25 किसानों को अपनी जमीन कम दामों पर बेचने और गांव छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

महेंद्र नागर और 14 अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज 

पुलिस ने आरोपी महेंद्र नागर, उनकी तीन महिला रिश्तेदारों सहित 14 लोगों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया है। पीड़ित परिवार ने बताया कि महेंद्र नागर का नाम गांव में आतंक का प्रतीक है। उसने जमीन हड़पने के लिए रामस्वरूप की हत्या की और उनकी बेटियों के कपड़े फाड़े। फतेहगढ़ थाना प्रभारी जयनारायण शर्मा ने बताया, "पीड़िता के परिवार के बयान दर्ज कर लिए गए हैं और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए छापे जारी है।"

एमपी में हिंसा, लूटपाट और रेप के मामले बढ़ेः कांग्रेस

बम्होरी के कांग्रेस विधायक ऋषि अग्रवाल ने इस घटना पर दुख जताया और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि मोहन यादव सरकार के शासन में बीजेपी नेताओं का आतंक बढ़ता जा रहा है। बीजेपी नेता और उनके गुंडे आए दिन राज्य में जगह जगह लोगों को आतंकित करने का काम कर रहे हैं। मंत्री अजीबोगरीब बयान देने में व्यस्त हैं। अग्रवाल ने यह भी कहा कि अग्रवाल ने कहा, "मध्य प्रदेश में हिंसा, लूटपाट और बलात्कार के मामले बढ़ रहे हैं। राज्य के मुख्यमंत्री गृह मंत्री भी हैं और यह सब उनकी निगरानी में हो रहा है। पुलिस सत्ता में बैठे लोगों के डर से काम कर रही है।"
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यूपी के लखीमपुर खीरी में भी ऐसी ही घटना हुई थी

3 अक्टूबर 2021 को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले के टिकुनिया क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना घटी, जब केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों को अपनी एसयूवी से कुचलने का आरोप लगा। यह घटना 2020 के तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ चला आ रहे किसान आंदोलन के दौरान हुई, जब सैकड़ों किसान उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के दौरे के विरोध में सड़क पर प्रदर्शन कर रहे थे। आशीष मिश्रा के नेतृत्व में मंत्री के काफिले की तीन एसयूवी ने कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाया, जिसमें चार किसान, लवलीन सिंह (20), दलीप सिंह (35), नछतर सिंह (60) और गुरविंदर सिंह (19) की मौत हो गई। इसके अलावा, एक स्थानीय पत्रकार की भी जान चली गई, जबकि 12-15 अन्य घायल हुए। किसानों का आरोप था कि यह सुनियोजित हमला था, जिसमें आशीष ने खुद गाड़ी चलाई और हवा में गोली चलाकर दहशत फैलाई।
घटना के बाद गुस्साए किसानों ने काफिले की गाड़ियों को आग लगा दी, जिसमें मंत्री के ड्राइवर और दो भाजपा कार्यकर्ताओं की भी मौत हो गई, जिससे कुल आठ लोगों की जान गई। विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा। वहां जाने की कोशिश कर रहीं कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा को हिरासत में लिया गया। समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव ने इसे 'क्रूरता' करार दिया। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने आशीष मिश्रा और 14 अन्य के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करने तथा मंत्री के इस्तीफे की मांग की। उत्तर प्रदेश सरकार ने जांच का आदेश दिया, लेकिन किसानों का कहना है कि यह 'पूर्वनियोजित हत्या' थी। इस घटना ने पूरे देश में आक्रोश फैलाया और कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को नई गति दी, जो बाद में कानूनों की वापसी तक चला। लेकिन मोदी सरकार ने आशीष मिश्रा के पिता को मंत्री पद से उस दौरान नहीं हटाया।