चुनाव में उतरने के बाद अपने विवादित बयानों से साध्वी प्रज्ञा सिंह एक बार फिर ख़बरों में हैं। चुनाव आचार संहिता तोड़ने के लिए चुनाव आयोग ने गुरुवार सुबह से तीन दिन के लिए प्रज्ञा के चुनाव प्रचार पर प्रतिबंध लगा दिया है। सवाल यह है कि आख़िर प्रज्ञा कैसे कर रही हैं चुनाव प्रचार और क्यों बार-बार विवाद खड़े हो रहे हैं? पढ़िये, प्रतिबंध लगने से एक दिन पहले बुधवार को उन्होंने कैसे किया प्रचार।
साध्वी प्रज्ञा दिग्विजय सिंह का नाम नहीं लेतीं, मगर कहती हैं - ‘इस विधर्मी, देश के टुकड़े-टुकड़े कराने के पक्षधर, धार्मिक भ्रष्टाचार और नारी का अपमान करने वाले का सर्वनाश करने का निमित्त बनने का सुअवसर मिला है, इस ज़िम्मेदारी को पूरा करके ही दम लूँगी।’
साध्वी भोपाल से टिकट देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का धन्यवाद करना भी नहीं भूलतीं। वह भगवा के सम्मान, नारी शक्ति का अपमान करने वालों को सबक़ सिखाने और राष्ट्रवाद की रक्षा के लिए आने वाली 12 मई को (भोपाल में वोटिंग वाले दिन) भारी मतों से जिताने की अपील करते हुए अपने अगले पड़ाव के लिए निकल जाती हैं।
रोड शो 12 नंबर इलाक़े में पहुँचकर एक सभा में तब्दील हो जाता है। सभा में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी पहुँचे हुए हैं। सभा में भी साध्वी अपने भाषण में पुलिस अत्याचार की कहानी सुनाते हुए देश के स्वाभिमान, भगवा की रक्षा और भारत को विश्वगुरु बनाने के लिए एक बार फिर मोदी को प्रधानमंत्री बनाने की दुहाई देते हुए बीजेपी को वोट करने की अपील करती हैं। प्रज्ञा का अभियान सुबह 11 बजे शुरू होकर रात 9 बजे तक चला। पूरे दिन निवर्तमान बीजेपी सांसद आलोक संजर और मौजूदा एवं कुछ पूर्व विधायक उनके साथ बने रहे।