मध्य प्रदेश में जैसे-तैसे मंत्रिमंडल का विस्तार तो हो गया लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अभी तक अपने मंत्रियों को विभाग तक नहीं बांट पाये हैं।
शिवराज सिंह ने करीब पांच घंटे सिंधिया की मौजूदगी में उनके सभी समर्थक मंत्रियों से 15-15 मिनट तक वन-टू-वन चर्चा भी की थी। चूंकि सभी मंत्रियों को उपचुनाव के लिए मैदान में जाना है, लिहाजा तमाम गुणा-भाग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के सामने रखा गया था।
शिवराज सिंह और बीजेपी, कैबिनेट विस्तार के समय अपने विधायकों के सामने असहाय नजर आ चुके हैं। सिंधिया समर्थकों को कैबिनेट में एडजस्ट करने के चक्कर में शिवराज और बीजेपी को अपनी पार्टी के अनेक काबिल और वरिष्ठ विधायकों को मंत्री पद से वंचित करना पड़ा है।