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शिवराज ने किया कैबिनेट का गठन, 5 मंत्रियों ने ली शपथ

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ‘कोरोना लाॅकडाउन टू’ के बीच मंगलवार को अपनी कैबिनेट का गठन कर दिया। दोपहर 12 बजे राजभवन में आयोजित एक बेहद सादे समारोह में राज्यपाल लालजी टंडन ने कुल पाँच मंत्रियों को शपथ दिलाई। शपथ लेने वालों में नरोत्तम मिश्रा, तुलसी सिलावट, कमल पटेल, गोविंद राजपूत और मीना सिंह के नाम शामिल हैं। 
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भाजपा के दिग्गज विधायकों में खलबली

शिवराज कैबिनेट का गठन होते ही भाजपा के तमाम मंत्री पद के दावेदार विधायक सक्रिय हो गए हैं। मंत्री पद की चाहत रखने वाले चेहरों में पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेन्द्र सिंह और राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल सबसे आगे हैं। भूपेन्द्र सिंह ने कमलनाथ सरकार को गिराने में बेहद अहम रोल अदा किया था। 

सिंधिया क्या चाहते थे?

ख़बरों के अनुसार भाजपा आलाकमान और स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहली खेप में 10 से 12 चेहरों को काबीना में शामिल करने के मूड में थे। कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने और अपने डेढ़ दर्जन से ज़्यादा समर्थक विधायकों (कमलनाथ सरकार में छह मंत्री थे) को इस्तीफा दिलाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया चाह रहे थे कि कुल बनाये जाने वाले मंत्रियों में ‘पुरानी शर्तों’ के अनुसार आधे चेहरे उनके समर्थकों के हों।

बताया गया है कि भाजपा इसके लिए राज़ी नहीं हुई। तमाम जद्दोजहद के बाद ‘तीन-दो’ पर ‘सहमति’ बनी। 

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क्षेत्रीय और जातीय समीकरण

कैबिनेट का गठन करते वक्त शिवराज ने क्षेत्रीय और जातीय समीकरण का तालमेल रखा है। नरोत्तम मिश्रा ब्राह्मण हैं और ग्वालियर-चंबल क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं। कमल पटेल अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं और वह भोपाल संभाग के प्रतिनिधि हैं। मीना सिंह शहडोल संभाग से हैं और वह अनुसूचित जनजाति वर्ग से आती हैं। सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट अनुसूचित जाति वर्ग से हैं और इंदौर संभाग उनकी कर्मभूमि है। जबकि गोविंद सिंह राजपूत ठाकुर वर्ग से हैं और सागर संभाग का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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संजीव श्रीवास्तव
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