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फडणवीस की पत्नी बोलीं- मराठी मानुष को प्यार करते हैं कोश्यारी

महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर दिए गए बयान पर महाराष्ट्र की सियासत गर्म है। इस मामले में अब उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की पत्नी अमृता फडणवीस का भी बयान आया है। अमृता फडणवीस ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, “मैं राज्यपाल को व्यक्तिगत रूप से जानती हूं। उन्होंने महाराष्ट्र आने के बाद मराठी सीखी है और वह मराठी मानुष से दिल से प्यार करते हैं और इसका मैंने खुद अनुभव किया है।” 

अमृता फडणवीस ने कहा कि कई बार राज्यपाल कुछ और कहना चाहते हैं और उसका कुछ और मतलब निकाल लिया जाता है लेकिन वह दिल से महाराष्ट्र और मराठी मानुष से प्यार करते हैं।

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क्या कहा था कोश्यारी ने?

कोश्यारी ने कुछ दिन पहले बाबा साहेब अंबेडकर मराठवाड़ा यूनिवर्सिटी में आयोजित एक कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था, “जब वह हाई स्कूल में पढ़ते थे तो शिक्षक पूछते थे कि आपका फेवरेट नेता कौन है, तो उस वक्त कुछ लोगों को सुभाष चंद्र बोस, कुछ लोगों को नेहरू, कुछ लोगों को गांधीजी अच्छे लगते थे। मुझे ऐसा लगता है कि अगर कोई आपसे कहे कि आप का आइकॉन कौन है, आप का नेता कौन है तो आपको बाहर जाने की जरूरत नहीं है। आपको यहीं महाराष्ट्र में मिल जाएंगे। शिवाजी तो पुराने युग की बात हैं। नए युग में डॉक्टर अंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी तक सब आपको यही मिल जाएंगे।” 

Bhagat Singh Koshyari Shivaji Maharaj comment controversy - Satya Hindi

उद्धव ने कहा- कोश्यारी को हटाएं

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे स्पष्ट कह चुके हैं कि अगर केंद्र सरकार ने 4 दिनों के भीतर राज्यपाल को नहीं हटाया तो महाराष्ट्र में शिवसेना अपने स्टाइल में काम करना शुरू करेगी। इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी कहा था कि राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में जो बयान दिया वह गैर जिम्मेदाराना है। पवार ने कहा था कि महाराष्ट्र की जनता राज्यपाल द्वारा दिए गए बयान से काफ़ी नाराज़ है।

Bhagat Singh Koshyari Shivaji Maharaj comment controversy - Satya Hindi

राज्यपाल को हटाने के लिए मुंबई हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की गई है इस याचिका में राज्यपाल के साथ ही बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी के खिलाफ एफ आई आर दर्ज करने की मांग की गई है याचिका में आरोप लगाया गया है कि सुधांशु त्रिवेदी ने कथित तौर पर कहा था कि शिवाजी ने मुगल बादशाह औरंगजेब से 'माफी मांगी' थी।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे खेमे के विधायक ने भी राज्यपाल को हटाने की मांग की थी। शिंदे खेमे के विधायक संजय गायकवाड़ ने कहा था, 'राज्यपाल को यह समझना चाहिए कि छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श कभी पुराने नहीं पड़ते और उनकी तुलना दुनिया के किसी अन्य महान व्यक्ति से नहीं की जा सकती।' 

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राजस्थानी-गुजराती विवाद

इस साल जुलाई में अंधेरी में एक कार्यक्रम के दौरान कोश्यारी के द्वारा दिए बयान को लेकर विवाद हो गया था। कोश्यारी ने कहा था कि महाराष्ट्र से खासतौर पर मुंबई और ठाणे से अगर गुजराती और राजस्थानी समाज के लोग निकल गए तो यहां पैसा नहीं बचेगा और यह लोग अगर चले गए तो देश की आर्थिक राजधानी भी मुंबई नहीं रह जाएगी। 

उस वक्त शिवसेना से लेकर कांग्रेस, एनसीपी और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने कोश्यारी के बयान का पुरजोर विरोध किया था। 

महा विकास आघाडी सरकार के कार्यकाल के दौरान शिवसेना लगातार राज्यपाल कोश्यारी पर हमलावर रही थी। शिवसेना ने कई बार मांग की थी कि केंद्र सरकार राज्यपाल को वापस बुलाए। शिवसेना ने कहा था कि राज्यपाल को बीजेपी के एजेंडे पर नाचने के लिए मजबूर किया जाता है।

सेक्युलर वाले बयान पर विवाद

कुछ साल पहले कोश्यारी के द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बारे में दिए गए एक बयान को लेकर भी विवाद हुआ था। तब कोश्यारी ने कहा था, ‘क्या आपको कोई दैवीय प्रेरणा मिल रही है कि आप मंदिर नहीं खोल रहे हैं। क्या आप अचानक सेक्युलर हो गए हैं? पहले तो आप इस शब्द से ही नफरत करते थे।’ तब महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के कारण राज्य के धार्मिक स्थलों को खोलने से इनकार किया था। 

कोश्यारी के बयान के बाद बढ़ रहे राजनीतिक संग्राम को देखते हुए सवाल यही है कि क्या केंद्र सरकार कोश्यारी को उनके पद पर बनाए रखेगी या उन्हें यहां से हटाकर किसी दूसरे राज्य में भेजेगी। 

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क़मर वहीद नक़वी
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