आरएसएस के वरिष्ठ नेता सुरेश भैयाजी जोशी के एक बयान ने महाराष्ट्र में एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। जोशी ने कहा, 'मुंबई की कोई एक भाषा नहीं है, यहाँ कई भाषाएँ हैं। मुंबई में आने वालों को मराठी सीखने की ज़रूरत नहीं है।' यह टिप्पणी उन्होंने विले पार्ले में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में मराठी में दी। उनके इस बयान ने मुंबई में मराठी भाषा और सांस्कृतिक पहचान को लेकर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। विपक्षी महा विकास अघाड़ी यानी एमवीए ने इसे मुद्दा बनाकर सत्तारूढ़ महायुति सरकार पर हमला बोला है। निशाने पर आए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई में मराठी को अनिवार्य बताया है।