वर्तमान में लैंडफिल में लगभग 20 मिलियन टन ठोस कचरा है, और बीएमसी की पर्यावरण सर्वेक्षण रिपोर्ट (ईएसआर) में कहा गया है कि दैनिक आधार पर, लगभग 500-700 मीट्रिक टन (एमटी) ठोस कचरा लैंडफिल में डंप किया जा रहा है जो मुंबई में प्रतिदिन पैदा होने वाले कुल नगरपालिका ठोस अपशिष्ट (MSW) यानी कूड़े-कचरे का 10 फीसदी है। अडानी समूह यहां पर जो टावर बनायेगा, उसके आसपास बीएमसी की लैंडफिल साइट बनी रहेगी, ऐसा अभी कहा जा रहा है। कल को इन टावरों में बसने वाले लोग इस लैंडफिल साइट को ही हटाने की मांग कर सकते हैं। ऐसे में कूड़े का यह जखीरा कहां जायेगा, उसकी कोई भावी योजना नहीं बनाई गई है। अभी जो 10 फीसदी कूड़ा सरप्लस होगा, वो कहां जायेगा, इस पर कोई खाका पेश नहीं किया गया है।
हालाँकि, ज़मीन सौंपने से कार्यकर्ताओं और पर्यावरणविदों ने कूड़े के ढेर पर आवासीय टावरों के निर्माण की अनुमति देने और लोगों को शहर की सबसे बड़ी लैंडफिल साइट के इतने करीब रहने की अनुमति देने पर चिंता जताई है।