शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत ने भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच पर कहा कि जब पानी और खून साथ नहीं बह सकते तो खून और क्रिकेट कैसे खेला जा सकता है। जानें पूरा बयान और विवाद।
'ख़ून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते' बयान की गूंज अभी थमी भी नहीं है कि आबू धाबी के मैदान पर भारत-पाक क्रिकेट मैच की तैयारी जोरों पर है! शिवसेना यूबीटी ने ऐसा ही सवाल उठाते हुए इस मैच के विरोध की घोषणा की है। इसने दोनों देशों के बीचे 14 सितंबर के एशिया कप मुकाबले को 'देशद्रोह' और 'बेशर्मी' ठहराते हुए तीखा विरोध जताया है। पार्टी के सांसद संजय राउत ने कहा है कि पार्टी की महिला शाखा 'सिंदूर रक्षा अभियान' चलाएगी, जिसमें महाराष्ट्र की हजारों बहनें-माताएँ सड़कों पर उतरेंगी और पीएम मोदी को घर-घर से सिंदूर भेजकर राष्ट्रीय भावनाओं का संदेश देंगी। राउत ने सवाल किया कि 'पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते, तो खून और क्रिकेट कैसे?' पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था और इसको महिलाओं के सिंदूर से जोड़ते हुए कहा गया था कि सिंदूर का बदला लिया जाएगा।
शिवसेना यूबीटी सांसद राउत ने 14 सितंबर 2025 को आबू धाबी में होने वाले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को देशद्रोह और बेशर्मी क़रार देते हुए इसे राष्ट्रीय भावनाओं के ख़िलाफ़ बताया। राउत का यह हमला पहलगाम में हुए आतंकी हमले के संदर्भ में है जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। राउत ने कहा कि जब 'पहलगाम हमले में 26 माताओं और बहनों का सिंदूर मिट गया' और उनकी पीड़ा अभी बाक़ी है, तब पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलना देश के साथ विश्वासघात है।
राउत ने कहा, "हम इस भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का विरोध करेंगे। हमारी महिला शाखा सड़कों पर उतरेगी और हमारा अभियान है 'सिंदूर रक्षा अभियान'। आपने कहा था कि पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते। अगर पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते, तो खून और क्रिकेट कैसे साथ चल सकते हैं? यह देशद्रोह और बेशर्मी है।"
'सिंदूर रक्षा अभियान' क्या है?
शिवसेना यूबीटी ने इस विरोध को 'सिंदूर रक्षा अभियान' नाम दिया है, जिसका नारा है 'सिंदूर के सम्मान में, शिवसेना मैदान में'। राउत ने बताया कि रविवार को महाराष्ट्र की हजारों महिलाएं इस अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने घरों से सिंदूर भेजेंगी, ताकि इस 'विश्वासघात' के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर की जा सके। इस अभियान का उद्देश्य पहलगाम हमले में मारे गए लोगों के परिवारों की पीड़ा को उजागर करना और सरकार से इस मैच को रद्द करने की मांग करना है।
राउत ने यह भी कहा कि पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस मुद्दे पर एक बैठक बुलाई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा, 'बीजेपी मंत्रियों के बच्चे निश्चित रूप से इस मैच को देखने स्टैंड में होंगे। गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह क्रिकेट के सर्वोच्च प्राधिकारी हैं और वह हमें देशभक्ति का पाठ पढ़ाते हैं। वे कहते हैं कि शिवसेना यूबीटी अपनी मूल विचारधारा से भटक गई है, लेकिन हम साफ़ करना चाहते हैं कि हम नहीं भटके।'
बीजेपी और बीसीसीआई पर हमला
संजय राउत ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी बीसीसीआई और केंद्र सरकार पर इस मैच को अनुमति देने के लिए तीखा हमला बोला। उन्होंने सवाल उठाया कि जब 'ऑपरेशन सिंदूर' अभी खत्म नहीं हुआ है, तब इस तरह का मैच कैसे आयोजित हो सकता है। राउत ने बीजेपी और आरएसएस के संगठन परिवार से भी सवाल किया कि वे राष्ट्रीय भावनाओं को प्राथमिकता देने के बजाय खेल को क्यों बढ़ावा दे रहे हैं।
उन्होंने कहा,
पहलगाम हमले की पीड़ा और गुस्सा अभी खत्म नहीं हुआ है। आज भी वे परिवार सदमे में हैं। और आप लोग क्रिकेट खेलने जा रहे हैं? संजय राउत
शिवसेना यूबीटी सांसद
सुप्रीम कोर्ट का फ़ैसला
शिवसेना यूबीटी ने इस मैच को रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि पाकिस्तान के साथ खेल आयोजन निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहना चाहिए।
भारत-पाक तनाव लंबे समय से
यह विवाद भारत-पाक के बीच लंबे समय से चले आ रहे तनावपूर्ण संबंधों के संदर्भ में देखा जा रहा है। भारत ने 2008 के मुंबई हमले के बाद से पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज बंद कर दी है और केवल बहुपक्षीय टूर्नामेंट्स में ही दोनों टीमें आमने-सामने होती हैं। शिवसेना यूबीटी का यह विरोध बीजेपी और केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है, खासकर तब जब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।
इस बीच, बीसीसीआई और सरकार ने अभी तक इस विरोध पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। माना जा रहा है कि यह विवाद भारत-पाकिस्तान क्रिकेट के संवेदनशील मुद्दे को फिर से चर्चा में ला सकता है और यह बीजेपी-शिवसेना यूबीटी के बीच राजनीतिक तनाव को और बढ़ा सकता है।