दूसरे समुदाय की लड़की से बात करने पर महाराष्ट्र के जलगांव जिले में मुस्लिम युवक की हत्या कर दी गई। घटना जामनेर तालुका के छोटा बेटावद गांव में सोमवार को हुई। 21 साल का सुलेमान और 17 साल लड़की एक कैफे में बैठे थे। उग्र भीड़ ने बेरहमी से सुलेमान को मारापीटा। भीड़ के हमले की खबर सुनकर वहां पहुंचे सुलेमान के परिवार के सदस्यों पर भी हमला किया गया। पुलिस ने अब तक आठ लोगों को गिरफ्तार किया है।
पुलिस के मुताबिक, सुलेमान सोमवार सुबह पुलिस भर्ती का ऑनलाइन फॉर्म भरने के लिए अपने गांव से 15 किलोमीटर दूर जामनेर गया था। दोपहर करीब 3:30 बजे, जब वह एक कैफे में लड़की के साथ बैठा था, 8-10 लोगों का एक समूह वहां पहुंचा। उन्होंने सुलेमान का मोबाइल फोन छीन लिया और उसमें तस्वीर देखकर उसे पीटना शुरू कर दिया। इसके बाद उग्रपंथियों की भीड़ उसे कैफे से बाहर खींच लाई और गांव ले जाया गया, जहां उसे सार्वजनिक रूप से घुमाया गया और लाठियों से बेरहमी से पीटा गया।
पुलिस अधिकारी ने बताया, “जब सुलेमान के माता-पिता और बहन उसे बचाने आए, तो उग्रपंथियों की भीड़ ने उन पर भी हमला किया।” सुलेमान बेहोश हो गया और हमलावरों ने उसे मृत समझकर उसके घर के बाहर छोड़ दिया। गांव वालों ने उसे अस्पताल पहुंचाया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। पोस्टमॉर्टम और पंचनामा के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया।
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सुलेमान के पिता रहीम ने कहा, “सुलेमान मेरा इकलौता बेटा था और पुलिस भर्ती की तैयारी कर रहा था। करीब 15 लोगों ने उसे हमारे घर के पास लाकर पीटा। वे उसे लात-घूंसे और लाठियों से मार रहे थे। गांव वालों ने हमें सूचना दी, लेकिन जब हम उसे बचाने पहुंचे, तो हमलावरों ने मुझे, मेरी पत्नी, बेटी और 80 वर्षीय पिता को भी नहीं बख्शा। मेरे बेटे का शरीर खून से लथपथ था, कोई भी हिस्सा बिना घाव के नहीं था। उसका किसी लड़की के साथ अफेयर होने की बात पूरी तरह झूठी है। उसे बेवजह निशाना बनाया गया।”
पुलिस ने मंगलवार को चार लोगों अभिषेक राजकुमार राजपूत (22), घनश्याम उर्फ सूरज बिहारी लाल शर्मा (25), दीपक बाजीराव (20) और रंजत उर्फ रंजीत रामकृष्ण मताडे (48) को गिरफ्तार किया और उन्हें 18 अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। बुधवार को चार अन्य आदित्य देवड़े, कृष्णा तेली, शेजवाल तेली और ऋषिकेश तेली को जलगांव के विभिन्न हिस्सों से गिरफ्तार किया गया, जिन्हें गुरुवार को अदालत में पेश किया जाएगा।
जामनेर पुलिस इंस्पेक्टर मुरलीधर कसार ने गिरफ्तारियों की पुष्टि की और कहा कि जांच जारी है। इस घटना ने सोशल मीडिया पर भी गुस्सा पैदा किया है, जहां लोग इसे मॉब लिंचिंग का मामला बता रहे हैं और सुलेमान के लिए न्याय की मांग कर रहे हैं।
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यह घटना महाराष्ट्र में बढ़ती मॉब हिंसा और अंतर-सामुदायिक तनाव का नतीजा है। महाराष्ट्र में कुछ साम्प्रदायिक संगठन आए दिन रैली निकालकर, प्रदर्शन कर लोगों की भावनाओं को भड़काते रहते हैं। पुलिस ने इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है, और स्थानीय प्रशासन से गांव में शांति बनाए रखने की अपील की गई है।