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महाराष्ट्र: अंतरधार्मिक शादियों की निगरानी होगी; अंतरजातीय को क्यों हटाया?

महाराष्ट्र सरकार ने अब सिर्फ़ अंतरधार्मिक शादियों की निगरानी करने की तैयारी की है। पहले अंतरजातीय शादियों की निगरानी करने की बात कही गयी थी। सरकार ने दो दिन पहले ही 'इंटरकास्ट/इंटरफेथ मैरिज-फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी (राज्य स्तर)' नाम से एक पैनल का गठन किया था। लेकिन अब इस कमेटी का नाम बदलकर भी 'इंटरफेथ मैरिज-फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी (राज्य स्तर)' कर दिया है।

इस नये बदलाव के साथ ही गुरुवार को आए नए सरकारी प्रस्ताव में कहा गया है कि 'जिस समिति का गठन किया गया था उसमें संशोधन करना सरकार के विचाराधीन था'। द इंडियन एक्सप्रेस ने यह रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट के अनुसार सरकारी प्रस्ताव में संशोधन करते हुए कहा गया है कि समिति का कार्य अब अंतरधार्मिक विवाहों के बारे में जानकारी जुटाने तक सीमित रहेगा, न कि अंतरजातीय विवाहों के बारे में।

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इससे पहले महाराष्ट्र सरकार ने जो 'इंटरकास्ट/इंटरफेथ मैरिज-फैमिली कोऑर्डिनेशन कमेटी (राज्य स्तर)' पैनल बनाया था उसमें कहा गया था कि इस तरह के विवाहों में जोड़ों और महिलाओं के मायके के बारे में विस्तृत जानकारी जुटाया जाना है। पहले के उस प्रस्ताव में यह भी कहा गया था कि इन जानकारियों में यह देखा जाना था कि कहीं वे जोड़े अलग तो नहीं हैं।

राज्य के महिला एवं बाल विकास विभाग ने मंगलवार को प्रस्ताव जारी किया था। रिपोर्ट के अनुसार महाराष्ट्र के महिला एवं बाल विकास मंत्री और बीजेपी नेता मंगल प्रभात लोढ़ा उस पैनल की अध्यक्षता करेंगे। 

महाराष्ट्र सरकार ने यह फ़ैसला तब लिया है जब हाल ही में श्रद्धा वालकर की हत्या का मामला सामने आया था। 28 वर्षीय आफताब अमीन पूनावाला ने अपने लिव-इन पार्टनर श्रद्धा को न सिर्फ़ कथित तौर पर मार डाला बल्कि उसके शरीर को 35 टुकड़ों में काट दिया। रिपोर्ट है कि वह कभी शेफ के रूप में प्रशिक्षित था और मांस काटने में माहिर था। आफताब ने ग़ुस्से में उसके शरीर पर मांस काटने वाले एक चाकू का इस्तेमाल किया, ताकि वह वारदात में पकड़े जाने से बच सके। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार आफताब ने पुलिस के सामने कबूल किया है कि उसने श्रद्धा के शव को टुकड़ों में काट दिया।
दरअसल, आफताब और श्रद्धा वालकर की कहानी तो पहले प्यार से शुरू हुई थी, लेकिन बाद में दोनों के संबंध ख़राब हो गए थे।

साल 2018-2019 में आफताब और श्रद्धा का रिश्ता शुरू हुआ था। श्रद्धा की बात से उसके पिता सहमत नहीं थे। दोनों के परिवारों द्वारा विरोध करने के बाद वे दोनों पालघर से मुंबई शिफ्ट हो गए थे और साथ रहने लगे थे। बाद में वे दिल्ली में चले गए। इस साल महरौली के छतरपुर पहाड़ी इलाक़े में 15 मई को एक रूम का फ्लैट किराए पर लिया। यहीं पर 18 मई को वह हत्या हुई।

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श्रद्धा वालकर के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया। महाराष्ट्र में भी इस पर बहस शुरू हुई और वह प्रस्ताव लाया गया था। 

इस उस फ़ैसले की विपक्ष ने आलोचना की। अब गुरुवार को द इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, 'डब्ल्यूसीडी विभाग के मंगलवार के सरकारी प्रस्ताव में संशोधन किया गया है। यह समिति केवल अंतरधार्मिक विवाहों के लिए है, न कि अंतरजातीय विवाहों के लिए। पहले का सरकारी प्रस्ताव सही नहीं था।'

उन्होंने कहा, 'राज्य सरकार अंतरजातीय विवाह को प्रोत्साहित कर रही है और ऐसा करने वालों को आर्थिक पुरस्कार देने की भी योजना है। लेकिन पिछले कुछ सालों में अंतरधार्मिक शादियों में धोखाधड़ी बढ़ी है और श्रद्धा वालकर हत्याकांड में कुछ पहलू सामने आए हैं।

उन्होंने कहा, 'यह चिंताजनक है कि राज्य के कुछ हिस्सों में अंतरधार्मिक शादियों में धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हुई है। इसलिए लव जिहाद के नाम पर धोखाधड़ी बंद होनी चाहिए।' हालाँकि फडणवीस ने उन मामलों का ज़िक्र नहीं किया जिन्होंने एक ही धर्म में शादी की है और हत्या के ऐसे कारनामे किए हैं।

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क़मर वहीद नक़वी
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