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शिंदे का राज्यपाल को पत्र, 37 विधायकों के दस्तखत

शिवसेना से बगावत करने वाले कैबिनेट मंत्री एकनाथ शिंदे की ओर से गुरुवार रात को महाराष्ट्र के राज्यपाल और डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी भेजी गई है। इस चिट्ठी में 37 विधायकों के दस्तखत हैं। चिट्ठी में कहा गया है कि एकनाथ शिंदे ही विधायक दल के नेता हैं। शिवसेना ने बगावत के बाद उन्हें विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था। 

उधर, टीम उद्धव ठाकरे ने 12 विधायकों को अयोग्य करने की अर्जी महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर को दी है। एकनाथ शिंदे ने अपनी चिट्ठी में इस तरह की अर्जी को गैर क़ानूनी बताया है। 

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कुल मिलाकर अब विधानसभा में बड़ी लड़ाई लड़ी जाएगी और इसमें विधानसभा स्पीकर की भूमिका बेहद अहम रहेगी।

शिवसेना के बागी विधायकों पर दल बदल कानून लागू ना हो इसके लिए एकनाथ शिंदे गुट को 37 विधायकों का समर्थन चाहिए और अब यह उन्हें हासिल होता हुआ दिख रहा है। 

Maharashtra Political crisis 37 MLAs Support Shinde - Satya Hindi

शिंदे गुट के पास कुल 49 विधायकों का समर्थन है इसमें 40 विधायक शिवसेना के हैं जबकि नौ विधायक निर्दलीय हैं। दूसरी ओर उद्धव ठाकरे के पास अब शिवसेना के 13 से 15 विधायकों का ही समर्थन रह गया है। शिवसेना के सभी बागी विधायक गुवाहाटी के रेडिसन ब्लू होटल में रुके हुए हैं और माना जा रहा है कि शुक्रवार को वहां से वापस मुंबई लौट सकते हैं।

राष्ट्रीय पार्टी करेगी मदद

निश्चित रूप से एकनाथ शिंदे ने शिवसेना में जबरदस्त तोड़-फोड़ की है और इतने विधायक जुटा लिए हैं कि उनके साथ आए विधायकों पर दल-बदल कानून लागू नहीं होगा और इनके समर्थन से बीजेपी राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है। क्योंकि एकनाथ शिंदे का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें वह यह कह रहे हैं कि एक राष्ट्रीय पार्टी ने उनकी बगावत को ऐतिहासिक बताया है और भरोसा दिलाया है कि वह उन्हें सभी तरह की मदद देगी। हालांकि वह पार्टी कौन है इस बारे में शिंदे ने कुछ नहीं कहा। 

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शिवसेना ने बुधवार को बुलाई गई विधायकों की बैठक से गैरहाजिर रहने वाले विधायकों को चेताया था कि उन्हें विधानसभा से अयोग्य साबित कर दिया जाएगा। लेकिन एकनाथ शिंदे ने कहा है कि उन्हें डराने-धमकाने की कोशिश न की जाए। 

राज्यसभा सांसद संजय राउत के इस बयान के बाद कि अगर पार्टी से बगावत करने वाले विधायक 24 घंटे में मुंबई लौट आते हैं तो पार्टी महा विकास आघाडी गठबंधन से बाहर निकलने की उनकी मांग पर विचार करने के लिए तैयार है, कांग्रेस और एनसीपी ने भी प्रतिक्रिया दी है। आघाडी में शामिल इन दोनों दलों ने कहा है कि वे शिवसेना के साथ हैं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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