लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में 23 अप्रैल को महाराष्ट्र में जिन 14 लोकसभा क्षेत्रों में मतदान होने जा रहे हैं वे बीजेपी-शिवसेना गठबंधन के लिए अग्नि परीक्षा साबित होने वाले हैं।
कांग्रेस के लिए जिस तरह से उत्तर प्रदेश में अमेठी और रायबरेली की सीट परंपरागत रही है वैसे ही पवार घराने के लिए महाराष्ट्र में बारामती सीट रही है।
जब सीट राजू शेट्टी की पार्टी के खाते में गयी तो उन्होंने वसंत दादा पाटिल के परिवार से बैर लेने की बजाय उन्हीं के परिवार के युवा विशाल पाटिल को मना लिया और अपनी पार्टी से टिकट दे दिया। सांगली ऐसी लोकसभा सीट है जिस पर आज़ादी के बाद पहली बार कांग्रेस को साल 2014 में हार का सामना करना पड़ा था। राजू शेट्टी और कांग्रेस के नेता ये प्रयास कर रहे हैं कि वे फिर से बीजेपी से ये सीट छीन लें।
कॉमन वेल्थ गेम्स घोटाले में नाम आने के बाद राजनीति के हाशिये पर पहुँचे सुरेश कलमाड़ी की परम्परागत पुणे लोकसभा सीट इस बार कांग्रेस वापस ले सकती है। पिछली बार यह सीट कांग्रेस हार गयी थी। रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग की सीट इस बार नारायण राणे के लिए अस्तित्व का सवाल बनी हुई है। निलेश राणे इस बार इस सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में हैं।