मुंबई ट्रेन धमाके पर फ़ैसले की तरह ही क्या मालेगाँव ब्लास्ट केस के फ़ैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने में भी महाराष्ट्र सरकार जल्दबाज़ी दिखाएगी? यह सवाल ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन यानी एआईएमआईएम ने पूछा है। मालेगाँव ब्लास्ट केस के फ़ैसले के तुरंत बाद ही इस फ़ैसले पर सियासी घमासान तेज़ हो गया। इस फैसले के बाद जहां एक ओर बीजेपी ने इसे 'हिंदू आतंकवाद' के झूठे नैरेटिव को ध्वस्त करने वाला करार दिया है, वहीं एआईएमआईएम ने महाराष्ट्र सरकार से इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देने की मांग की है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भी इस मामले में अपनी तीखी प्रतिक्रियाएँ दी हैं।