‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का यह चुनावी नारा सुनने में बहुत अच्छा लगता है लेकिन जैसे ही केंद्र और राज्यों में उनकी पार्टी की सरकारें बनीं, इस नारे का अर्थ ही बदल गया। केंद्र से लेकर राज्य की बीजेपी की सरकारों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने शुरू हो गए।
मोदी जी, आपके ‘ना खाऊंगा, ना खाने दूंगा’ के वादे का क्या हुआ
- महाराष्ट्र
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- 10 Mar, 2019

सुप्रीम कोर्ट ने आंगनबाड़ी पोषण आहार की ख़रीद के लिए निकाले गए टेंडर्स को रद्द कर दिया है। इससे बीजेपी सरकार में मंत्री पंकजा मुंडे की मुश्किलें बढ़ गई हैं।