उद्धव ने रैली में एक और बात का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि "हमें सभी देशभक्तों, सभी धर्मों के लोगों का वोट (लोकसभा चुनाव) मिला। उन्होंने कहा कि हमने हिंदुत्व छोड़ दिया, क्योंकि हम कांग्रेस के साथ चले गए। मैंने बताना चाहता हूं कि हमने हिंदुत्व नहीं छोड़ा। अगर देश और संविधान को बचाने के लिए सभी ने हमें वोट दिया, तो लोग हमारे साथ हैं। यह दर्शाता है कि भाजपा ही वह है जिसने हिंदुत्व छोड़ दिया है।''
महाराष्ट्र में दरअसल भाजपा को ही लोग शिवसेना और एनसीपी को बांटने के लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। प्रदेश में उद्धव एमवीए सरकार चला रहे थे। लेकिन भाजपा ने ऑपरेशन शिवसेना शुरू कर दिया। महत्वाकांक्षी एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना में विद्रोह कराया और अलग कर लिया। केंद्र सरकार के संरक्षण की वजह से शिंदे के ही गुट को असली शिवसेना और पुराना चुनाव चिह्न मिल गया। ठीक यही तरीका शरद पवार की एनसीपी के साथ भी अपनाया गया। पार्टी का मूल नाम और चुनाव चिह्न अजीत पवार वाले गुट को मिला।