भारत के चीफ जस्टिस एन.वी.रमना ने पत्रकारों को नसीहत देते हुए कहा है
कि अगर पत्रकार खुद को किसी विचारधारा या सरकार (स्टेट) से जोड़ता है तो
यह उसकी बर्बादी का नुस्खा है।
गोदी मीडिया के दौर में चीफ जस्टिस रमना की पत्रकारों को नसीहत - खबरों को रंग देने से बचें
- मीडिया
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- सत्य ब्यूरो
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- 30 Dec, 2021
भारत के चीफ जस्टिस एन.वी. रमना ने मुंबई प्रेस क्लब के एक कार्यक्रम को
डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए मीडिया को ढेर सारी नसीहतें दी। यह भी
कहा कि न्यायपालिका और मीडिया को साथ-साथ चलना चाहिए। चीफ जस्टिस रमना की
क्या-क्या नसीहतें हैं, यहां पढ़िए।

सीजेआई रमना
का यह बयान ऐसे मौके पर आया है, जब देश के तमाम नामी गिरामी पत्रकार टीवी
से लेकर अखबारों तक में सरकार और सत्तारूढ़ पार्टी का समर्थन करते हुए नजर
आते हैं। यही वजह है कि इन्हें 'गोदी मीडिया' नाम दिया गया। टीवी चैनलों की
बहसों से और अखबारों के पन्नों से जनता के मुद्दे गायब होते जा रहे हैं।
चीफ
जस्टिस ने बुधवार को मुंबई प्रेस क्लब के एक पुरस्कार समारोह को डिजिटल
माध्यम से संबोधित करते हुए यह बात कही। वो दसवें रेडइंक्स पुरस्कार समारोह
के वर्चुअल मुख्य अतिथि थे। मुंबई प्रेस क्लब पत्रकारिता में शानदार काम
करने वालों को रेडलिंक पुरस्कार से सम्मानित करता है।
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