असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई का सोमवार को निधन हो गया है। वह 84 साल के थे।
असम के पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई का सोमवार को निधन हो गया है। वह 84 साल के थे। गोगोई 2001 से 2016 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे। वह सबसे लंबे वक़्त तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे थे।
गोगोई 25 अगस्त को कोरोना से संक्रमित हुए थे और उन्हें गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। वह कोरोना से उबर चुके थे और दो महीने बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था। लेकिन 2 नवंबर को तबीयत बिगड़ने पर उन्हें फिर से अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था।
सोमवार सुबह उनकी तबीयत ज़्यादा बिगड़ गई थी। बीते शनिवार को दोपहर के बाद वह पूरी तरह बेहोश हो चुके थे और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। इसके बाद उन्हें लाइफ़ सपोर्ट सिस्टम पर रखा गया था। डॉक्टरों ने बहुत कोशिश की लेकिन कांग्रेस के इस वरिष्ठ नेता को बचाया नहीं जा सका।
असम में अगले 6-7 महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में कांग्रेस को उनकी कमी खलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि गोगोई एक लोकप्रिय नेता और वरिष्ठ प्रशासक थे। मोदी ने कहा है कि वह उनके निधन से बेहद दुखी हुए हैं।
गोगोई के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उन्हें बुद्धिमान शिक्षक बताया है।
इंदिरा के साथ किया था काम
गोगोई छह बार लोकसभा के सांसद रहे। पहली बार वह 1971–85 तक जोरहाट और उसके बाद कलियाबोर सीट से सांसद रहे। गोगोई कांग्रेस के उन पुराने नेताओं में से थे, जिन्हें इंदिरा गांधी के साथ काम करने का मौक़ा मिला था। उस दौरान वह कांग्रेस में संयुक्त सचिव रहे थे और इसके बाद राष्ट्रीय महासचिव भी रहे। गोगोई ने पीवी नरसिम्हा राव की सरकार में भी काम किया।
वह 1986–90 तक असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे। 1996 में वह फिर से अध्यक्ष चुने गए। उन्होंने चार बार विधायक का चुनाव भी जीता। यह गोगोई की जबरदस्त लोकप्रियता का ही नतीजा था कि कांग्रेस ने उनके नेतृत्व में कई बार सरकार बनाई। लेकिन 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को हार मिली और बीजेपी के नेतृत्व में राज्य में सरकार बनी।