हिन्दुस्तान के इतिहास में पहली बार 1990 में लोगों को अहसास हुआ कि इस देश में चुनाव आयोग जैसी कोई संस्था भी है, जिसके पास कोई ताक़त भी है और वह स्वतंत्र तौर पर काम कर सकती है। वर्ना अन्य सरकारी एजेंसियों की तरह यह भी एक सरकारी एजेंसी की तरह है , ऐसी धारणा आम लोगों के मन में सहज रूप से विद्यमान थीं।
चुनाव के 'ग्रामर' को कैसे बदल दिया टी. एन. शेषन ने?
- श्रद्धांजलि
- |
- |
- 11 Nov, 2019

टी. एन. शेषन ने मुख्य चुनाव आयुक्त बनते ही जिन सुधारों का एलान किया और जिस सख़्ती से उन्हें लागू करवाया, उसने भारतीय राजनीति की दश दिशा बदल दी। शेषन ने रविवार को अंतिम सांसें लीं। जानिए, उन्होंने किस तरह भारत के चुनावों को बदल कर रख दिया।