कोई बिगाड़ सकत नहीं तेरोमन लीजय तू ठान
पंडित जसराज- जिनके संगीत में अटल निश्चय भी था और भक्ति भी
- श्रद्धांजलि
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- 18 Aug, 2020


एक वक्त ऐसा आया जब कई संगीतकार देश छोड़ कर अमेरिका या अन्य देश चले गये। लेकिन, पंडित जसराज ने संगीत की ज्योति जला कर रखी।
मेरो अल्लाह मेहरबान
एडमंटन में जब यह राग भैरव की अपनी ही बनायी बंदिश पंडित जसराज गा रहे थे, तो एक ही स्वर पर अल्लाह और ओम दोनों सुनाई दिए। इस बंदिश के परिचय में पंडित जसराज का परिचय भी मिलता है। ऐसे व्यक्ति जिनके संगीत में अटल निश्चय भी था, और भक्ति भी।
निश्चय इसलिए कि पंडित जसराज की शुरुआत गायक के रूप में नहीं हुई थी। वह तो तबला-वादक थे। ऐसे तबला-वादक जिन्होंने पंडित रविशंकर और कुमार गंधर्व सरीखों के साथ संगत की। पंडित जसराज और उनके भाई प्रताप नारायण जी ताल के गुणी थे। जबकि पंडित जसराज के बड़े भाई और गुरु पंडित मणिराम जी अव्वल दर्जे के गायक।

























