अगर हम डॉ. बीआर आंबेडकर की जयंती पर आरएसएस-बीजेपी शासकों द्वारा उनके महिमामंडन पर भरोसा करें, तो ऐसा लगेगा कि उनके जितने वफादार अनुयायी कभी नहीं रहे। पीएम मोदी के अनुसार वे ‘भारत के संविधान के निर्माता’ और ‘अनुसूचित जातियों के मसीहा’ थे। यूपी सरकार ने 13 अप्रैल (2025) की सुबह से कई कार्यक्रमों के साथ ‘आंबेडकर जयंती’ के भव्य समारोह की घोषणा की है, जो 14 अप्रैल को लखनऊ में मुख्य समारोह तक चलेगा, जिसमें हिंदुत्व के प्रतीक सीएम आदित्यनाथ शामिल होंगे। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य “युवा पीढ़ी को डॉ. आंबेडकर के उल्लेखनीय जीवन, दूरदर्शी नेतृत्व और न्याय, समानता और सामाजिक सुधार के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता से परिचित कराना है।”
आंबेडकर आज भारत में होते तो क्या सुरक्षित बचते?
- विचार
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- 14 Apr, 2025

क्या समानता के चैंपियन और हिंदुत्व के आलोचक डॉ आम्बेडकर आज जीवित होते तो आरएसएस-भाजपा के नए भारत में सुरक्षित रहते? जाने-माने चिंतक और रंगकर्मी शमसुल इसलाम का विश्वेषणः