पिछले एक दशक से भारतीय राजनीति में वंशवाद, जातिवाद और न जाने क्या, क्या चर्चा में है लेकिन विदेशी हाथ कहीं नज़र नहीं आ रहा था। विदेशी हाथ कांग्रेस की तरह कमजोर हो गया,सो भाजपा सरकार को इसकी जरूरत ही नहीं पड़ी।अब जब भाजपा को भी दिन में तारे नज़र आने लगे हैं तो उसने भी एक ऐसा विदेशी हाथ खोज लिया जो सबका साथ ,सबका विकास करने वाली सरकार को बदनाम करने में लगा है।