पिछले एक दशक से भारतीय राजनीति में वंशवाद, जातिवाद और न जाने क्या, क्या चर्चा में है लेकिन विदेशी हाथ कहीं नज़र नहीं आ रहा था। विदेशी हाथ कांग्रेस की तरह कमजोर हो गया,सो भाजपा सरकार को इसकी जरूरत ही नहीं पड़ी।अब जब भाजपा को भी दिन में तारे नज़र आने लगे हैं तो उसने भी एक ऐसा विदेशी हाथ खोज लिया जो सबका साथ ,सबका विकास करने वाली सरकार को बदनाम करने में लगा है।
भाजपा को आखिर मिल ही गया 'विदेशी हाथ'
- विचार
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- 29 Mar, 2025
भारत के नेता और राजनीतिक दल अक्सर विदेशी हाथ की चर्चा करते हैं। लेकिन राहुल गांधी जब अमेरिका में जाते हैं और वहां तमाम महत्वपूर्ण बातें कहते हैं तो विदेशी हाथ का संदर्भ बदल जाता है। इसी तरह पीएम मोदी तो कई बार अमेरिका गए हैं और फिर जा रहे हैं, भाजपा की नजर में क्या अब विदेशी हाथ का मतलब वही है जो वो कहते रहे हैं?
