पूरी दुनिया बेसब्री से इंतज़ार कर रही है कि कब कोरोना वायरस का आतंक ख़त्म हो और लोग सामान्य ज़िंदगी में वापस लौट सकें। हर किसी को लग रहा है कि जल्दी ही कोरोना की दवाई आ जाएगी या टीके का ईजाद हो जाएगा और वे बेख़ौफ़ हो जाएंगे। उन्हें लॉकडाउन से मुक्ति मिल जाएगी, वे जहाँ चाहे जा सकेंगे, जो चाहे कर सकेंगे, जिससे चाहे मिल सकेंगे। मगर यदि आपको ये कहा जाए कि कोरोना वायरस कभी जाएगा ही नहीं, हमें उसके साथ ही जीना होगा तो आप पर क्या गुज़रेगी। निश्चय ही आप निराशा में डूब जाएंगे।