ये सारी बातें अपनी जगह ठीक हैं लेकिन क्या यह मुद्दा इतना बड़ा था कि ट्रंप ने सब कुछ पीछे छोड़कर इसी पर सबसे पहले फ़ैसला लिया? उस समय भी जब कुछ ऐसे फ़ैसले उन्होंने टाल दिए जो अमेरिका की आर्थिक सेहत पर बड़ा असर डाल सकते थे। कम से कम चुनाव अभियान के दौरान कुछ मुद्दों को लेकर दावे तो ऐसे ही किए गए थे। लेकिन उनके मुक़ाबले प्राथमिकता थर्ड जेंडर को मिली। अमेरिका में थर्ड जेंडर को आधिकारिक पहचान दिलाने का संघर्ष 1950 के दशक के पहले से ही चल रहा है। तब से यह इस देश के जेंडर विमर्श का एक प्रमुख हिस्सा रहा है। वहाँ यह नागरिक और मानव अधिकार का भी एक मुद्दा रहा है। इसके पीछे का तर्क यह रहा है कि अगर कोई स्थापित मान्यताओं से अलग अपनी पहचान को किसी दूसरे तरीक़े से व्यक्त करना चाहता है तो उसे इसका अधिकार दिया जाना चाहिए।