जब भी भारत पर कोई आतंकी हमला होता है, मीडिया और सोशल मीडिया पर पाकिस्तान से युद्ध के नगाड़े बजने लगते हैं। पहलगाम हमले के बाद भी यही हुआ। युद्ध की बातें इस तरह हो रही हैं जैसे भारत और पाकिस्तान की सेनाएंँ सीमा पर आमने-सामने खड़ी हों और किसी भी क्षण बम बरसने लगेंगे। लेकिन क्या युद्ध का रास्ता इतना आसान है? क्या परमाणु हथियारों से लैस देशों के बीच युद्ध के नतीजों पर नहीं सोचना चाहिए?

भारत और पाकिस्तान के पास 150 से अधिक परमाणु हथियार हैं। ऐसे में एक छोटी सी चूक भी महाविनाश की वजह बन सकती है। परमाणु युद्ध की कल्पना ही भयावह है- दिल्ली, कराची, इस्लामाबाद और मुंबई जैसे शहर मिनटों में राख में बदल सकते हैं। पहले ही दिन करोड़ों मौतें, उसके बाद 'न्यूक्लियर विंटर' और वैश्विक अकाल। यह केवल उपमहाद्वीप नहीं, पूरी मानव सभ्यता के लिए ख़तरा होगा।