गणतंत्र की स्थापना यानी संविधान लागू किये जाने की हीरक जयंती का जश्न शुरू हुआ। दुनिया की नज़रें भारत पर टिक गईं। दुनिया ने ये देखकर ताली बजाई कि सबसे बड़े लोकतंत्र और स्वयंभू विश्वगुरू ने संसद में अपना पूरा वक्त उस नेता को गालियां देने में खर्च कर दिया जिसने इस देश में संसदीय लोकतंत्र की नींव रखी थी।