एक समय ऐसा भी था, बहुत दिन नहीं हुए-सही-सही कहा जाए तो 30 साल से एक साल कम, जब एक ईसाई को पंजाब भेजा गया वह युद्ध लड़ने, जिसे तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने ‘अलगाववाद से राष्ट्र का संघर्ष’ बताया था। मैंने प्रधानमंत्री के निजी आग्रह पर ‘डीमोट’ होकर केंद्र में गृह मंत्रालय में सचिव स्तर से पंजाब का पुलिस महानिदेशक बनना स्वीकार कर लिया था।