पंजाब के होशियारपुर में पाँच साल के एक मासूम बच्चे की हत्या, जो कथित तौर पर एक प्रवासी मज़दूर ने की, ने आज के पंजाब में कई सवाल खड़े कर दिए हैं। पंजाब पहले ही तरह-तरह की चुनौतियों से जूझ रहा है और इस घटना ने राज्यभर में ग़ुस्से की लहर पैदा कर दी। जगह-जगह पंचायतों ने प्रस्ताव पास किए कि अपने गाँवों में प्रवासियों के प्रवेश पर रोक लगाई जाए और उनके ख़िलाफ़ सख़्त क़दम उठाए जाएँ। कई लोगों ने कहा कि अनियंत्रित प्रवास से पंजाब की आबादी की बनावट बदलने की साज़िश हो रही है और हिमाचल प्रदेश व उत्तराखंड की तरह यहाँ भी क़ानून बनाए जाएँ। कुछ राजनेताओं और व्यक्तियों ने भी प्रवासी आबादी पर कार्रवाई की माँग की। यहाँ तक कि कुछ लोग समूह बनाकर प्रवासियों के ख़िलाफ़ प्रचार करते, धमकियाँ देते और चेतावनी जारी करते नज़र आए।
बिना प्रवासी कैसे बढ़ेगा पंजाब? एक बच्चे की हत्या का दोष पूरे समुदाय पर क्यों
- विचार
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- 20 Sep, 2025

प्रतीकात्मक तस्वीर
पंजाब की अर्थव्यवस्था में प्रवासियों की अहम भूमिका है, फिर भी एक बच्चे की हत्या के बाद पूरे प्रवासी समुदाय को दोषी ठहराया जा रहा है। यह मानसिकता खतरनाक क्यों?
इस घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने साफ़ कहा कि ऐसी माँगें न तो उचित हैं और न ही संविधान इसकी अनुमति देता है। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रवासियों के ख़िलाफ़ ऐसे मुद्दे उठाने से उन लाखों पंजाबी परिवारों पर भी बुरा असर पड़ेगा जो देशभर के अलग-अलग राज्यों में बस चुके हैं।