एक तरफ दुनिया के तमाम छोटे-बड़े और अमीर-गरीब सभ्य देश हैं, जिन्होंने भारत में कोरोना महामारी के चलते अस्पतालों में मरीजों की भीड़, ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं के अभाव में असमय दम तोड़ रहे लोगों, श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए लगी कतारों, जलती चिताओं से उठती लपटों, नदियों में तैर रही इंसानी लाशों पर मंडराते चील-कौवों की तसवीरें देख कर सच्ची संवेदना दिखाई है और मदद का हाथ आगे बढ़ाया है।