हिंदी की एक प्रतिष्ठित वेबसाइट (सत्य हिंदी.कॉम) में मुरादाबाद में हुए उस पागलपन को लेकर आलेख प्रकाशित हुआ है जिसमें वहां के एक मोहल्ले में इंदौर के टाटपट्टी-बाखल इलाक़े की तरह ही स्वास्थ्य और पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया गया। आलेख के लेखक इक़बाल रिज़वी ने तकलीफ़ ज़ाहिर की है कि इस समय मुसलमानों को ‘सॉफ़्ट टारगेट’ बनाकर पागलों की तरह व्यवहार करने पर मज़बूर किया जा रहा है!
मुसलमानों से साफ़-साफ़ बात क्यों नहीं की जा रही है?
- विचार
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- 18 Apr, 2020

प्रतीकात्मक तसवीर।
इंदौर के टाटपट्टी-बाखल इलाक़े की ही तरह मुरादाबाद में भी स्वास्थ्य और पुलिसकर्मियों पर हमला हुआ। इसके बाद कई सवाल खड़े हो रहे हैं, जिनके जवाब मिलने बेहद ज़रूरी हैं।
लेखक ने आरोप लगाया है कि ‘तब्लीग़ी जमात’ की आड़ में मुसलमानों का बुरा हाल किया जा रहा है और इससे प्रशासन के प्रति जो अविश्वास का भाव उनमें बढ़ रहा है, उसने यह हालात कर दिए हैं कि मुरादाबाद जैसा पागलपन सामने आ रहा है। आलेख में यह भी कहा गया है कि एक सुनियोजित झूठ को इतनी बार पूछा जा रहा है कि मुसलमान ‘बैकफुट’ पर आ गए हैं।