कोरोना के इन 55 दिनों में मुझे दो हिंदुस्तान साफ-साफ दिख रहे हैं। एक हिंदुस्तान वह है, जो सचमुच कोरोना का दंश भुगत रहा है और दूसरा हिंदुस्तान वह है, जो कोरोना को घर में छिपकर टीवी के पर्दों पर देख रहा है। क्या आपने कभी सुना कि आपके किसी रिश्तेदार या किसी निकट मित्र का कोरोना से निधन हो गया है? मैंने तो अभी तक नहीं सुना।
कोरोना काल में दिखे दो हिंदुस्तान, ग़रीबों-मजदूरों का भारत, अमीरों का इंडिया
- विचार
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- 18 May, 2020

कोरोना को भारत में जो लोग जाने-अनजाने में लाए हैं, वे उस पहले हिंदुस्तान के वासी हैं। वह है, इंडिया! वे हैं, देश के 10 प्रतिशत खाए-पीए-धाए हुए लोग और जो हजारों की संख्या में बीमार पड़ रहे हैं, सैकड़ों मर रहे हैं, वे लोग कौन हैं? वे दूसरे हिंदुस्तान के वासी हैं। वे ‘इंडिया’ के नहीं, ‘भारत’ के वासी हैं।