कोरोना के इन 55 दिनों में मुझे दो हिंदुस्तान साफ-साफ दिख रहे हैं। एक हिंदुस्तान वह है, जो सचमुच कोरोना का दंश भुगत रहा है और दूसरा हिंदुस्तान वह है, जो कोरोना को घर में छिपकर टीवी के पर्दों पर देख रहा है। क्या आपने कभी सुना कि आपके किसी रिश्तेदार या किसी निकट मित्र का कोरोना से निधन हो गया है? मैंने तो अभी तक नहीं सुना।