‘भारत जोड़ो यात्रा’ दो सप्ताह बाद तीन महीने पूरे कर लेगी। राहुल गांधी तब तक यात्रा के निर्धारित लक्ष्य का आधे से ज़्यादा फ़ासला तय कर चुके होंगे। अद्भुत नज़ारा है कि लोगों के झुंड बावन-वर्षीय नेता के आगे और पीछे टूटे पड़ रहे हैं। सत्तारूढ़ भाजपा सहित विपक्षी दलों के नेता हतप्रभ हो देश के भावी राजनीतिक परिदृश्य का अनुमान लगा रहे हैं। यात्रा के सहभागियों को लेकर अब तो प्रधानमंत्री ने भी राहुल पर हमलों की शुरुआत कर दी है।
मोदी सरकार के ख़िलाफ़ जन आंदोलन खड़ा करेंगे राहुल गांधी?
- विचार
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- 21 Nov, 2022

सवाल यह है कि तीन हज़ार सात सौ पचास किलो मीटर या उससे ज़्यादा चल लेने, महात्मा गांधी की नज़रों से असली भारत देख लेने, लाखों लोगों के ‘मन की बात’ और तकलीफ़ें सुन-समझ लेने के बाद यात्रा जब एक दिन पूरी हो जाएगी, सभी सहयात्री अपने ठिकानों के लिए रवाना हो जाएँगे, राहुल के कदम किस दिशा की तरफ़ बढ़ने वाले हैं?
मोदी ने इसकी शुरुआत गुजरात से की है जहां राहुल के कदम पड़ने अभी बाक़ी हैं। कांग्रेस के नेताओं के बीच होड़ मची है कि राहुल का हाथ थामकर साथ चलने का कोई फ़ोटो मीडिया में जगह पा जाए।
उनके लिए पार्टी में अपनी हैसियत उजागर करने का अब यही आधार कार्ड बन गया है।
दूसरी ओर, वह जनता जो यात्रा के गुज़र जाने के बाद सड़कों पर पीछे छूटती जा रही है और जिसे आने वाले दिनों में पहले की तरह ही ज़मीनी हक़ीक़तों से जूझना है, उसके मन में एक महत्वपूर्ण सवाल उठ रहा है!