बराक ओबामा से अनुरोध किया जाना चाहिए कि वह कुछ दिनों के लिए एक बार फिर भारत की यात्रा पर आएँ यह देखने के लिए कि जिस राहुल गांधी से वे आख़िरी बार मिले होंगे वह और भारत पिछले आठ सालों में कितना बदल गया है! अमेरिका वापस पहुँचने के बाद ओबामा एक नई किताब लिखें जो सिर्फ़ राहुल पर केंद्रित हो! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘माय फ्रेंड बराक’ ने अपनी पिछली भारत यात्रा के बाद प्रकाशित किताब में जिस राहुल गांधी का ज़िक्र किया था उसका स्थान किसी नए राहुल ने ले लिया है और हो सकता है उसकी पूरी जानकारी अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति को नहीं हो!
राहुल की उपस्थिति देश को प्रजातंत्र का विनम्र आश्वासन है!
- विचार
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- 19 Jun, 2025

बराक ओबामा ने अपनी किताब में राहुल गांधी को लेकर जो लिखा था, क्या वह आज भी प्रासंगिक है? मौजूदा राजनीतिक हालात में राहुल गांधी की भूमिका भारतीय लोकतंत्र के लिए एक शांत लेकिन ठोस आश्वासन बनकर उभरी है।
ओबामा भारत में सिर्फ़ डॉ. मनमोहन सिंह के प्रशंसक रहे हैं। इतने घोर प्रशंसक कि अपने प्रथम कार्यकाल (2009-2013) में डॉ. सिंह को अपना पहला राजकीय अतिथि बनाया। ‘व्हाइट हाउस’ के भव्य समारोह में ओबामा जब डॉ. सिंह की तारीफ़ कर रहे थे तो पूरे अमेरिका और भारत भर से वाशिंगटन पहुँची बड़ी-बड़ी हस्तियाँ दोनों नेताओं को खड़े-खड़े सुन रही थीं। उस बात को गुज़रे चौथाई सदी बीत गई। डॉ. सिंह के साथ यात्रा पर गए पत्रकारों के दल के सदस्य के तौर पर मैं भी तब उपस्थित था।