ग़लती फ़ेसबुक ने की। सवाल फ़ेसबुक पर उठे। क्या कांग्रेस, क्या बीजेपी- दोनों ने इस वैश्विक प्लेटफ़ॉर्म के राजनीतिक दुरुपयोग को लेकर फ़ेसबुक को ही चिट्ठियाँ भी लिखीं। अब भारत सरकार भी फ़ेसबुक के प्रमुख को ही चिट्ठी लिख रही है! चिट्ठी भी ऐसी कि पीएम नरेंद्र मोदी को फ़ेसबुक के कर्मचारी गाली दे रहे हैं और यह रिकॉर्ड में है!
कार्रवाई के बजाए फ़ेसबुक से ‘न्याय’ क्यों माँग रही है सरकार?
- विचार
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- 2 Sep, 2020

ग़लती फ़ेसबुक ने की। सवाल फ़ेसबुक पर उठे। क्या कांग्रेस, क्या बीजेपी- दोनों ने इस वैश्विक प्लेटफ़ॉर्म के राजनीतिक दुरुपयोग को लेकर फ़ेसबुक को ही चिट्ठियाँ भी लिखीं। अब भारत सरकार भी फ़ेसबुक के प्रमुख को ही चिट्ठी लिख रही है!
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद देश के क़ानून मंत्री हैं, न्याय मंत्री हैं, संचार मंत्री हैं। वह इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्री भी हैं। फ़ेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म को नियंत्रित करने के लिए तमाम मंत्रालय रविशंकर प्रसाद के पास हैं। मगर, फ़ेसबुक पर नियंत्रण करने के बजाए वह चिट्ठी लिख रहे हैं फ़ेसबुक के सह-संस्थापक और सीईओ मार्क ज़करबर्ग को। वह गिड़गिड़ा रहे हैं कि फ़ेसबुक का स्टाफ़ भारत के प्रधानमंत्री को गालियाँ दे रहा है, रोको। ऐसा लगता है कि भारत के उन तमाम मंत्रालयों की रिपोर्टिंग फ़ेसबुक के चेयरमैन को है जिसके मंत्री हैं रविशंकर प्रसाद!