मद्रास हाईकोर्ट के जजों ने 26 अप्रैल को कोरोना की दूसरी लहर के लिए चुनाव आयोग को ज़िम्मेदार बताते हुए कहा था- ‘जब चुनावी रैलियाँ हो रही थीं, तब आप दूसरे ग्रह पर थे क्या? रैलियों के दौरान कोरोना के प्रोटोकॉल का चुनाव आयोग ने पालन क्यों नहीं करवाया? बिना सोशल डिस्टेंसिंग के चुनावी रैलियाँ होती रहीं और बिगड़े हालात के लिए चुनाव आयोग ही ज़िम्मेदार है। चुनाव आयोग के अफसरों पर तो संभवत: हत्या का मुक़दमा चलना चाहिए।’
सुप्रीम कोर्ट से याचिका निरस्त: अब चुनाव आयोग क्या करेगा?
- विचार
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- 7 May, 2021

चुनावी राज्यों में कोरोना प्रोटोकॉल पालन कराने में विफल रहे चुनाव आयोग पर मद्रास हाई कोर्ट की टिप्पणी के ख़िलाफ़ क्यों सुप्रीम कोर्ट पहुँचा आयोग?
इस डांट से सुधरने का सबक़ लेने की बजाय चुनाव आयोग ने मद्रास हाईकोर्ट में याचिका दायर करके मांग कर डाली कि आयोग को दोषी ठहराने वाली कोर्ट की मौखिक टिप्पणियों को मीडिया में छपने से रोका जाए। मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी न्यायिक आदेश का हिस्सा नहीं है, इसलिए आदेश में कोई बदलाव कैसे किया जा सकता है?