यूपी के नतीजे किस करवट बैठने वाले हैं? अपनी विश्वसनीयता को लेकर हर चुनाव के दौरान विवादों में घिरे रहने वाले एग्जिट पोल ही अगर दस मार्च की शाम तक अंतिम रूप से भी सही साबित होने वाले हैं तो फिर नरेंद्र मोदी को 2024 में भी 2014 और 2019 जैसी ही जीत दोहराने की अग्रिम बधाई अभी से दे देनी चाहिए। मान लिया जाना चाहिए कि जो तमाम सदृश्य और अदृश्य ताक़तें यूपी में संघ और बीजेपी के बुलडोज़री-हिंदुत्व को फिर सत्ता में ला रही हैं वे ही लोकसभा के लिए भी अपनी दोगुना शक्ति और संसाधनों के साथ दिल्ली-मिशन में जुटने वाली हैं।
कोई तो अज्ञात कारण अवश्य होना चाहिए कि इतनी ज़बरदस्त एंटी-इंकम्बेन्सी के बावजूद अमित शाह, जे पी नड्डा और योगी आदित्यनाथ सभी का सार्वजनिक रूप से यही दावा क़ायम है कि सरकार तो बीजेपी की ही बनेगी।
















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