पंजाब की राजनीति में हलचल तेज़ हो गई है। इसकी दो वज़हें हैं। एक तो बैंस बंधुओं और आम आदमी पार्टी के बाग़ी धड़े खैहरा गुट की ओर से इंसाफ़ मार्च की शुरुआत और दूसरी, दरबार साहिब में बादल परिवार की माफ़ी। यह माफ़ी चर्चा में है।
दरबार साहिब में बादल ने माफ़ी माँगी और ख़ुद ही सज़ा तय की
- राज्य
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- 29 Mar, 2025
पंजाब की राजनीति में हलचल तेज़ हो गई है। इसकी दो वजहें हैं। एक, बैंस बंधुओं और आप के बाग़ी धड़े खैहरा गुट का इंसाफ़ मार्च और दूसरी, दरबार साहिब में बादल परिवार की माफ़ी।

शिरोमणि अकाली दल में उठ रहे बग़ावत के स्वरों के बीच बादल परिवार पिछले दस सालों में हुई ग़लतियों की माफ़ी माँगने के लिए ख़ुद ही दरबार साहिब पहुँच गया। ख़ास बात यह रही कि बड़े बादल के साथ सुखबीर और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल भी अमृतसर में पहुँचे। सिख इतिहास में यह पहली बार है जब श्री अकाल तख्त साहिब पर किसी सियासी दल ने सामूहिक रूप से अपनी ग़लतियों के लिए बिना तलब किए माफ़ी माँगी है।
सिखों के सबसे बड़े धार्मिक स्थल अमृतसर के दरबार साहिब में बादल परिवार के आलावा सरदार बिक्रम सिंह मजीठिया, डॉ. दलजीत सिंह चीमा, बीबी जागीर कौर और अन्य अकाली भी पहुँचे। अकाली शासन के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी और बहिबल कलाँ गोलीकांड को लेकर इन दिनों बादल परिवार पंजाब के कट्टरपथियों के निशाने पर है। अकाली दल टूट के कगार पर है। सुखबीर बादल को लेकर सिख समाज में भी विरोध के स्वर उठे हैं। इसी वजह से बादल परिवार को अकाल तख्त से किसी कार्रवाई का पहले ही अंदेशा था, लिहाज़ा पूरा बादल परिवार आज दरबार साहिब अपनी ग़लतियों की माफ़ी मांगने पहुँच गया। और ख़ुद ही सजा भी तय कर ली।