loader

बीजेपी ने माना यूपी में ब्राह्मण नाराज, बनाई कमेटी, 403 सीटों पर करेगी संपर्क

बीजेपी ने अप्रत्यक्ष रूप से स्वीकार कर लिया है कि यूपी का ब्राह्मण मतदाता कहीं न कहीं उसे लेकर पसोपेश में है या कहीं-कहीं नाराज भी है। यह संकेत मिला आज यूपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा की यूपी के ब्राह्मण नेताओं से मुलाकात और उसके बाद एक कमेटी की घोषणा से। 

पिछले दो दिनों से दिल्ली में यूपी के ब्राह्मणों को लेकर बीजेपी में चिन्तन-मनन चल रहा था।

हाल ही में यूपी के दो प्रमुख राजनीतिक दलों बीएसपी और समाजवादी पार्टी ने अपने-अपने ब्राह्मण सम्मेलन कर इस मुद्दे को बढ़ावा दिया था। सपा ने तो लखनऊ-सुल्तानपुर सीम पर गंगाखेड़ा के मंदिर में परशुराम की कांस्य प्रतिमा तक लगवा दी।

ताजा ख़बरें

शुरू में ये खबरें आई थीं कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कथित ब्राह्मण विरोधी रवैए से ब्राह्मण बीजेपी से दूर चला गया है। योगी ने इस संबंध में कभी कोई सफाई नहीं दी, हालांकि वो खुद तमाम ब्राह्मण केंद्रीय कार्यक्रमों में शामिल होते रहे। 

दो दिनों का है ये नतीजा

यूपी के कुछ ब्राह्मण नेता रविवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेद्र प्रधान के घर बैठक करने पहुंचे। यह बैठक पूरे दिन चली। यूपी के तमाम शहरों और कस्बों में ब्राह्मण नेताओं से संपर्क साधा गया।

उसके बाद आज वही लोग पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा से मुलाकात करने पहुंचे और कल हुई बैठक की सारी जानकारी दी। 

जेपी नड्डा ने यूपी के ब्राह्मण नेताओं की एक कमेटी बनाते हुए उसके सदस्यों से कहा कि वे यूपी की सभी 403 विधानसभा सीटों में ब्राह्मण केंद्रित गांवों, कस्बों और शहरों का दौरान करें। वहां के लोकल ब्राह्मण नेताओं को जोड़ें। कार्यक्रम कराएं। इससे पार्टी को बहुत फायदा होगा।
BJP admits Brahmins are Angry in UP, formed committee, will contact on 403 seats in election 2022 - Satya Hindi

नड्डा या बीजेपी की इस कमेटी में शामिल हैं - राज्यसभा में बीजेपी के चीफ व्हिप शिव प्रताप शुक्ला, बीजेपी नेता अभिजत मिश्रा, गुजरात से बीजेपी सांसद और पूर्व राष्ट्रीय सचिव रामभाई मोकरिया, और कैलाश अस्पताल वाले व बीजेपी सांसद डॉ. महेश शर्मा। 


सूत्रों का कहना है कि इस सूची में अधिकृत तौर पर केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का नाम नहीं डाला गया है। लेकिन टेनी इस कमेटी के साथ जगह-जगह जाएंगे। टेनी को एक हीरो के रूप में प्रस्तुत करके बताया जाएगा कि कैसे पूरे देश में अजय मिश्रा के खिलाफ अभियान चलाया गया लेकिन प्रधानमंत्री इस ब्राह्मण के साथ खड़े रहे।

ब्राह्मण मतदाता कम, असरदार ज्यादा

यूपी में ब्राह्मण 1992 से बीजेपी का कोर वोटर बन चुका है। प्रदेश में ब्राह्मण आबादी महज ढाई करोड़ है और वह यादवों के बाद सबसे बड़ा एकल जाति समूह है।

हालांकि दलित और मुस्लिम मतदाताओं की तादाद ब्राह्मण मतदाताओं से बहुत ज्यादा है। लेकिन राजनीति में रसूखदार होने की वजह से ब्राह्मण लॉबी यूपी में हमेशा से प्रभावशाली रही है।

सिर्फ बीजेपी में ही नहीं कांग्रेस और बाकी दलों में भी कद्दावर ब्राह्मण नेता हैं। इसके बावजूद ब्राह्मणों का झुकाव मुख्य रूप से बीजेपी की तरफ रहा। 

राजनीति से और खबरें

योगी के सीएम बनने के बाद कानपुर देहात में एक गैंगस्टर पुलिस एनकाउंटर में मारा गया था। हालांकि उसके वो खुद को बीजेपी नेता बताता था और उसके कई बीजेपी नेताओं से संबंध भी थे।

बाद में उसकी पत्नी से यूपी सरकार के व्यवहार को लेकर मामला सुर्खियों में रहा। मारे गए गैंगस्टर का परिवार ब्राह्मण है। 

इस मामले को सबसे पहले कांग्रेस के प्रमोद तिवारी वगैरह ने उठाया। बीजेपी के कई ब्राह्मण विधायकों ने सीएम योगी से मिलकर सारी बात रखी।

हालात में कोई बदलाव नहीं आया।

मीडिया में ब्राह्मणों के बीजेपी से दूर जाने की खबरें लगातार आती रहीं। इसके बाद राजनीतिक दलों ने ब्राह्मण सम्मेलन शुरू कर दिए।

BJP admits Brahmins are Angry in UP, formed committee, will contact on 403 seats in election 2022 - Satya Hindi

इसके बाद लखीमपुर कांड में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का नाम आ गया।

कई ब्राह्मण संगठनों ने अजय मिश्रा के खिलाफ संगठित अभियान चलाने का आरोप लगाया।

बहरहाल, बीजेपी ने ब्राह्मणों को पटाने के लिए ताकत झोंक दी है।

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

राजनीति से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें