रफ़ाल पर एन राम की ख़बर छपने के बाद बुरी तरह तिलमिलाई बीजेपी ने यह साबित करने की कोशिश की है कि 'द हिन्दू' अख़बार ने ख़बर काट-छाँट कर चलाई थी। बीजेपी के कहने का मतलब यह था कि अख़बार कांग्रेस के साथ मिल कर झूठ का खेल खेल रही है। हैरानी की बात यह है कि इस ख़बर पर देश भर में हंगामा मचने के बाद भी रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण और कुछ जूनियर नेता और मंत्री ही सरकार के पक्ष में खड़े दिखाई दिए। पार्टी के बड़े नेता और सरकार में भारी-भरकम ओहदों पर बैठे बड़े मंत्री चुप रहे। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, हर विषय पर ब्लॉग लिखने वाले अरुण जेटली और हर मसले पर सरकार का बचाव करने वाले सदबहार प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने कुछ नहीं कहा। ऐसे मौके पर जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर रफ़ाल के मसले पर सबसे बड़ा खुलासा और हमला हुआ, इन वरिष्ठ नेताओं का खुल कर मोदी के पक्ष में न आना कई गंभीर सवाल खड़े करता है।