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कांग्रेस सावरकर पर बयानबाजी अब कम करने पर सहमत?

राहुल गांधी द्वारा सावरकर की तीखी आलोचना को लेकर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन में तनाव के बीच अब कांग्रेस कुछ नरम पड़ती दिख रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार राकांपा प्रमुख शरद पवार ने कांग्रेस नेतृत्व को इस मुद्दे पर शिवसेना की चिंताओं से अवगत कराकर शांतिदूत की भूमिका निभाई है। रिपोर्ट के अनुसार विपक्षी नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस सावरकर की आलोचना को कम करने के लिए सहमत हो गई है।

कांग्रेस द्वारा सावरकर की आलोचना किए जाने के कारण महाराष्ट्र में उसके सहयोगी दलों एनसीपी और शिवसेना के बीच बेचैनी है। इस बीच पवार ने मामले को सुलझाने का काम किया। ये वही पवार हैं जिन्होंने 2019 में वैचारिक रूप से अलग कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना को एक साथ लाकर महा विकास आघाडी गठबंधन तैयार किया था। सावरकर के मुद्दे पर गठबंधन में 'दरार' की रिपोर्टों के बीच ही पवार ने हस्तक्षेप किया।

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पवार ने कथित तौर पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी दोनों से उस बैठक में बात की जिसमें ठाकरे का सेना गुट उल्लेखनीय रूप से अनुपस्थित था। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार पवार ने इस बात पर जोर दिया कि महाराष्ट्र में एक सम्मानित व्यक्ति वीडी सावरकर को निशाना बनाने से राज्य में विपक्षी गठबंधन को मदद नहीं मिलेगी। पवार ने राहुल को यह भी बताया कि सावरकर कभी भी आरएसएस के सदस्य नहीं थे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि विपक्ष की असली लड़ाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के साथ थी।

पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार बैठक में शामिल दो नेताओं ने बताया कि पवार ने सोमवार शाम को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा बुलाई गई विपक्षी नेताओं की बैठक के दौरान यह मुद्दा उठाया और स्पष्ट किया कि सावरकर को निशाना बनाने से राज्य में विपक्षी गठबंधन को मदद नहीं मिलेगी। 

जैसा कि बीजेपी ने राहुल गांधी पर हमले तेज कर दिए और ब्रिटेन के उनके हालिया दौरे पर भारत को निंदा करने के लिए उनसे माफी मांगने की मांग की, राहुल गांधी ने कहा था कि वह सावरकर नहीं हैं और माफी नहीं मांगेंगे। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सावरकर पर हमले के लिए गांधी की आलोचना की थी और कहा था कि उनका संगठन स्वतंत्रता सेनानी का कोई अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। 
सावरकर को निशाना बनाने वाली राहुल की टिप्पणी के विरोध में शिवसेना के ठाकरे गुट ने खड़गे द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग नहीं लिया था।

बैठक में अठारह विपक्षी दलों ने भाग लिया, जिसका उद्देश्य गुजरात की एक अदालत द्वारा राहुल को दो साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद संसद से उनकी अयोग्यता पर कांग्रेस के साथ एकजुटता दिखाना था।

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ठाकरे की सेना के एक नेता संजय राउत ने आज कहा था, 'अगर उन्होंने ऐसी चीजों से बचने का फैसला किया है तो यह अच्छा है। मैंने राहुल जी से बात की। मुझे लगता है कि यह ठीक चल रहा है।' कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संकेत दिया कि पार्टियों ने समझौता कर लिया है। उन्होंने कहा, '19 पार्टियां एक साथ हैं, और इसमें शिवसेना भी शामिल है। कल रात 18 पार्टियां थीं, आज मैंने कहा 19। समझिए। अगर शिवसेना समूह का हिस्सा है तो यह 18 से 19 हो जाएगा।'
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क़मर वहीद नक़वी
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