किन राज्यों में होगा गठबंधनः कांग्रेस के सींटों के बंटवारे के ड्राफ्ट के मुताबिक नौ राज्यों में वह क्षेत्रीय दलों के साथ तालमेल बनाकर करीब 100 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, केरल, तमिलनाडु, वेस्ट बंगाल, दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में कांग्रेस सीटों बंटवारे के साथ चुनाव लड़ेगी। केंद्रीय नेतृत्व ने इन प्रदेश के नेताओं से साफ कहा है कि ‘इंडिया’ गठबंधन में सीटों के बंटवारे पर अंतिम फैसला लोकसभा की तस्वीर को ध्यान में रखकर किया जाएगा। पार्टी ने तय किया है कि पिछले आम चुनावों में कांग्रेस जिन सीटों पर नंबर दो पर थी, वहां किसी भी तरह का तालमेल नहीं होगा। उन सीटों पर कांग्रेस खुद अपने उम्मीदवार उतारेगी। सहयोगी दलो से सीटों के बंटवारे पर वो दो संसदीय चुनाव और उसके बाद हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के आधार बात करेगी।
राज्यवार हुई इन बैठकों में लंबी चर्चा के बाद मोटे तौर पर सीटों के बंटवारे पर पार्टी ने अपना रुख तय किया है। हर राज्य में एक निश्चित संख्या में सीटें हासिल करने की आंकड़ा तयकिया गया है। लेकिन सहयोगी दलों के साथ बातचीत में सीटों की संख्या घट बढ़ सकती है। बढ़ने के असर तो कम ही हैं। लिहाज़ा ये मानकर चलना चाहिए कि गठबंधन में कांग्रेस जितनी सीटें हासिल करने का लक्ष्य रख रही है उससे कम ही उसे मिलेंगी। अब देखते हैं किस राज्य में कांग्रेस कितनी सीटों पर दावा कर रही है और उसके दावे का आधार क्या है।
महाराष्ट्र में महादुविधाः उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र लोकसभा की सबसे ज्यादा सीटों वाला राज्य है। कांग्रेस को छोड़कर उसके दोनों सहयोगील दलों में टूट हो चुकी है। शिवसेना और एनसीपी में विभाजन के बाद नई पार्टियों का गठन हुआ है। इसलिए कांग्रेस का मानना है कि कोई पिछला चुनाव सीट बंटवारे का आधार नहीं हो सकता है। कांग्रेस राज्य में कम से कम 20 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है। लेकिन शिवसेना (उधव ठाकरे) पहलरे ही 23 सीटों पर दावा ठोक चुकी है। एनसीपी भी पहले से कम सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार नहीं है। लिहाज़ा कांग्रेस सींटों के बंटवारे को लेकर फूंक-फूंक कर कदम रखेगी।
दिल्ली में बड़ी मुश्किलः दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन लेकर राज्य इकाई शुरु से ही इंकार करती रही है। लेकिन आलाकमान ने साफ कर दिया कि गठबंधन तो होगा। इस पर दिल्ली के कुछ नेताओं का मानना है कि कांग्रेस को हरियाणा और यूपी की सीमा से लगी सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए, हालांकि कुछ नेताओं का मानना था कि पार्टी को ऐसी सभी सीटें तलाशनी चाहिए जहां उनके पास मजबूत चेहरे हों। कांग्रेस दिल्ली में 3 या 4 सीटें मांगेगी। दक्षिणी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली, बाहरी दिल्ली और नई दिल्ली जैसी सीटों पर उसका दावा मज़बूत है।
झारखंड में झगड़ाः झारखंड में भी सीटों के बंटवारे की राह आसान नहीं है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ ही यहं राजद भी कई सीटों पर दावा ठोक रहा है। बैछक में कांग्रेस ने तय किया है कि वो उन सीटों की मांग करेगी जिन पर उसने पिछला चुनाव लड़ा था। कांग्रेस हजारीबाग, रांची, धनबाद खूंटी, जमशेदपुर, चतरा, पलामू, सिंहभूम, लोहरदगा ये सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारना चाहेगी। वहीं, राजद भी चतरा और पलामू जैसी सीटों की मांग कर रहा है।