लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के 3 हफ़्ते बाद भी कांग्रेस में हार को लेकर एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ने का सिलसिला जारी है। जहाँ पार्टी के बुजुर्ग नेता हार के लिए राहुल गाँधी के बेहद क़रीबी और भरोसेमंद लोगों को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं, वहीं युवा नेतृत्व पार्टी में ऊँचे पदों पर बैठे नेताओं के सिर इसका ठीकरा फोड़ रहा है।
राहुल को अपने ही लोगों ने किया गुमराह, बने हार का कारण?
- राजनीति
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- 18 Jun, 2019

लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के 3 हफ़्ते बाद भी कांग्रेस में हार को लेकर एक-दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ने का सिलसिला जारी है।
रविवार को ‘द संडे गार्जियन लाइव डॉट कॉम’ मेंं प्रकाशित एक ख़बर के बाद पार्टी के भीतर ज़बरदस्त घमासान मचा हुआ है। इस ख़बर में दावा किया गया है कि राहुल गाँधी के बेहद क़रीबी लोगों ने चुनावी नतीजों का ग़लत आकलन देकर उन्हें गुमराह किया और इसी वजह से राहुल गाँधी को इस्तीफ़ा देने पर मजबूर होना पड़ा। इसके लिए कांग्रेस के डाटा एनालिसिस विभाग के चेयरमैन प्रवीण चक्रवर्ती को ज़िम्मेदार ठहराया गया। उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने राहुल गाँधी को 184 सीटें जीतने का भरोसा दिलाया था। साथ ही यह भी कहा था कि सबसे ख़राब हालात में भी पार्टी कम से कम 164 सीटें जीतेगी। इस आकलन के मुताबिक़ चुनावी नतीजे नहीं आने पर राहुल गाँधी को क़रारा झटका लगा और इसी के बाद उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने का फ़ैसला किया। ख़बर में यह भी दावा किया गया कि चुनावी नतीजे आने के बाद से ही प्रवीण चक्रवर्ती ग़ायब हैं और बड़े नेताओं की लाख कोशिश के बावजूद उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। उन पर 24 करोड़ रुपए का भारी-भरकम बिल बनाने का भी आरोप लगा।