कांग्रेस पार्टी के भीतर चल रही खींचतान ने एक बार केरल की राजनीति में हलचल मचा दी है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने अपने सहयोगी के. मुरलीधरन के ‘वे हम में से नहीं हैं’ बयान पर तीखा जवाब दिया। थरूर ने मुरलीधरन के बयान की विश्वसनीयता और उनके पार्टी में पद पर सवाल उठाते हुए कहा, 'पहले यह बताएँ कि इस दावे का आधार क्या है? ये लोग कौन हैं? पार्टी में इनका क्या पद है?' यह विवाद राष्ट्रीय सुरक्षा और पार्टी निष्ठा को लेकर थरूर के हालिया बयानों से शुरू हुआ, जिसने केरल कांग्रेस इकाई में तनाव को और बढ़ा दिया है।
केरल कांग्रेस में कलह! मुरलीधरन पर थरूर के जवाबी हमले का क्या संकेत
- राजनीति
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- 22 Jul, 2025
केरल कांग्रेस में क्या कुछ बड़ा होने वाला है? मुरलीधरन के तीखे हमले के बाद क्या शशि थरूर भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं? क्या पार्टी में विवाद और गहराता दिख रहा है?

विवाद की शुरुआत: थरूर का ‘राष्ट्र पहले’ वाला बयान
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब शशि थरूर ने कोच्चि में एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, 'मेरे लिए राष्ट्र पहले है। पार्टियां केवल देश को बेहतर बनाने का साधन हैं।' थरूर ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मामलों में सभी दलों को एकजुट होकर काम करना चाहिए, भले ही इससे उनकी अपनी पार्टी को ‘निष्ठा में कमी’ लगे। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के एक कथन का हवाला देते हुए कहा, 'अगर भारत मर गया तो कौन जिएगा?'