कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश की सियासी गंगा में कांग्रेस की जर्जर हो चुकी नाव की पतवार संभाल कर इसे मझधार में उतार दिया है। उन्हें अगले दस-ग्यारह महीनों में पार्टी की इस नाव को उस मुकाम तक पहुंचाना है, जहां देश के सबसे बड़े और सबसे अहम सियासी राज्य की सत्ता का सिंहासन है।
यूपी: प्रियंका के हाथ में पतवार, लगेगी नैया पार?
- राजनीति
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- 24 Feb, 2021

उत्तर प्रदेश कांग्रेस की टूटी-फूटी नाव के साथ प्रियंका गांधी ने मोर्चा संभाल लिया है। किसानों के आंदोलन ने प्रियंका को लोगों के बीच सीधे पहुंचने का अवसर दिया है और इसे वह बखूबी इस्तेमाल भी कर रही हैं। सहारनपुर, बिजनौर, बघरा (मुज़फ्फरनगर) की उनकी रैलियों को जबरदस्त कामयाबी मिली है। उत्तर प्रदेश में प्रियंका के सामने बड़ी सियासी चुनौती है।
प्रियंका के सामने बड़ी चुनौती
चुनौती बड़ी है और यह चुनौती कांग्रेस से ज्यादा खुद प्रियंका के लिए है, क्योंकि इस सियासी अग्नि परीक्षा से ही कांग्रेस महासचिव के लिए सियासत के किले का वह बंद दरवाजा खुलेगा, जो उन्हें उस मुकाम तक पहुंचा सकता है, जो कभी उनकी दादी ने कांग्रेस के भीतर और बाहर संघर्ष करके अपने लिए बनाया था।