क़रीब 30 साल पहले की बात है। फिज़िक्स की क्लास चल रही थी। प्रोफ़ेसर साहब प्रकाश और प्रकाश की गति के बारे में बता रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रकाश की गति सबसे तेज़ होती है। इससे तेज़ किसी भी चीज़ की गति नहीं हो सकती। एक छात्र ने पूछ लिया, 'सर मान लीजिए, अगर कोई प्रकाश की गति से ज्यादा तेज़ चले तो क्या होगा? प्रोफ़ेसर साहब ने उसे ऊपर से नीचे तक घूर कर देखा और बोले, 'प्रकाश की गति से तेज़ चलने वाला मुसाफ़िर अपने सफ़र का पहला क़दम उठाने से पहले ही अपनी मंज़िल पर पहुँच जाएगा। यानी वो भविष्य में जाने के बजाय भूतकाल में पहुँच जाएगा।' मुझे आज भी याद है। यह सुनते ही पूरी क्लास ठहाकों से गूँज गई थी।