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सोनिया ने 26 मार्च को बुलाई कांग्रेस महासचिवों, प्रभारियों की बैठक

पांच राज्यों में कांग्रेस के बेहद खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सक्रिय हो गई हैं। उन्होंने 26 मार्च को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिवों और राज्यों के प्रभारियों की बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इसमें पांच राज्यों के चुनाव नतीजों के साथ ही ताजा राजनीतिक हालात पर भी चर्चा होगी। इसके साथ ही सोनिया गांधी पार्टी के सदस्यता अभियान की भी समीक्षा कर सकती हैं।

इस बैठक में संगठन के चुनाव पर भी चर्चा होगी क्योंकि पार्टी में असंतुष्ट नेताओं के गुट G-23 की लगातार मांग रही है कि पार्टी में जिला, ब्लॉक, प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष तक के चुनाव कराए जाने चाहिए। इन दिनों यह चुनाव कई राज्यों में चल रहे हैं और इस साल सितंबर तक पार्टी को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा।

पांच चुनावी राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। किसी नए राज्य में जीत हासिल करने के बजाय उसने अपने राज्य पंजाब को भी गंवा दिया है। 

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पंजाब में उसे करारी शिकस्त मिली है और उत्तर प्रदेश में भी प्रियंका गांधी वाड्रा कोई करिश्मा नहीं कर सकीं। ऐसे में सोनिया गांधी ने चुनाव नतीजों के बाद इन पांचों चुनावी राज्यों के प्रदेश अध्यक्षों का इस्तीफा ले लिया था। 

G-23 गुट के नेताओं से बातचीत

दूसरी ओर, इन दिनों कांग्रेस नेतृत्व G-23 गुट के नेताओं से लगातार बातचीत कर रहा है। सोनिया गांधी ने गुलाम नबी आजाद, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा और विवेक तन्खा से बात की है तो वहीं राहुल गांधी ने हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बुलाकर उनसे तमाम राजनीतिक हालात पर चर्चा की है। 

निश्चित रूप से लगातार चुनावी हार के कारण कांग्रेस की हालत बेहद पतली हो गई है और उसके सामने खुद को जिंदा रखने का सवाल पैदा हो गया है। ताजा हाल में वह सिर्फ 2 राज्यों में अपने दम पर सत्ता में है और इनमें से भी राजस्थान में पार्टी के अंदर जबरदस्त लड़ाई है। 

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साल 2022 के अंत में गुजरात और हिमाचल प्रदेश में विधानसभा के चुनाव होने हैं और यहां कांग्रेस बीजेपी के सीधे मुकाबले में है लेकिन आम आदमी पार्टी पंजाब में जीत के बाद गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भी बड़े दमखम से चुनाव लड़ने जा रही है। 

साल 2023 में कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं और इनमें कांग्रेस का प्रदर्शन निर्भर करेगा कि वह बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों के गठबंधन की कयादत कर पाएगी या नहीं। क्योंकि उसे पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव से लगातार चुनौती मिल रही है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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