राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों को क्या अब मोदी के मंत्री ने ही साबित कर दिया है? जानिए, कांग्रेस ने अनुराग ठाकुर के बयानों पर क्या आरोप लगाया है।
चुनाव आयोग और बीजेपी के बीच कथित साठगांठ को क्या बीजेपी ने ही साबित कर दिया? कांग्रेस ने गुरुवार को यही दावा किया है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गुरुवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर के हालिया बयानों का हवाला देते हुए दावा किया कि ठाकुर ने अनजाने में ही बीजेपी और चुनाव आयोग की मिलीभगत को उजागर कर दिया है। कांग्रेस ने बीजेपी और चुनाव आयोग पर 2024 के लोकसभा चुनाव में धांधली और पक्षपात का गंभीर आरोप लगाते हुए पूरे चुनाव को रद्द करने की मांग की है।
पवन खेड़ा ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में 2024 के लोकसभा चुनावों की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए कहा कि बीजेपी ने मतदाता सूची में हेरफेर और फर्जी मतदाताओं के ज़रिए चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित किया। उन्होंने विशेष रूप से वाराणसी लोकसभा सीट को लेकर गंभीर सवाल उठाए। यहाँ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जीत हासिल की। खेड़ा ने मांग की कि चुनाव आयोग वाराणसी की मतदाता सूची का इलेक्ट्रॉनिक डेटा उपलब्ध कराए, ताकि यह साबित किया जा सके कि 'प्रधानमंत्री ने पीएम की कुर्सी चुराई है।'
ठाकुर को छह दिन में सूची कैसे मिल गई?
खेड़ा ने बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर के हाल के दावों पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जिसमें ठाकुर ने छह लोकसभा सीटों पर मतदाता सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। खेड़ा ने सवाल उठाया कि अनुराग ठाकुर को महज छह दिनों में छह लोकसभा सीटों का इलेक्ट्रॉनिक डेटा कैसे मिल गया? उन्होंने कहा, 'हमें एक विधानसभा क्षेत्र महादेवापुरा के आंकड़ों को लाने में 6 महीने लगे, क्योंकि हमें इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट नहीं दी गई। वहीं, BJP के सांसद अनुराग ठाकुर को 6 दिन में 6 लोकसभा सीटों के आंकड़े मिल गए। यह साफ तौर पर चुनाव आयोग और बीजेपी की मिलीभगत को दिखाता है।'
पवन खेड़ा ने कहा, 'आखिर उन्हें ये आंकड़े इतनी जल्दी कैसे मिल गए? जब चुनाव आयोग के पास इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट है, तो वो कांग्रेस को क्यों नहीं मिलती? साफ है कि चुनाव आयोग के पास इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट है, जो वो जनता और विपक्ष को देना नहीं चाहता। अनुराग ठाकुर ने जो सबूत आपके सामने रखे, वो आपराधिक सबूत हैं। हम मांग करते हैं कि वो सबूत हमें सौंपे जाएं, क्योंकि अब आपका अपराध साबित हो चुका है। बीजेपी और चुनाव आयोग के बीच सांठगांठ है, ये अनुराग ठाकुर ने साबित कर दिया है।'
कांग्रेस नेता ने कहा,
7 अगस्त को जब राहुल गांधी जी प्रेस वार्ता कर रहे थे, तो महज कुछ ही देर में चुनाव आयोग का नोटिस आ गया। नोटिस में उनसे हलफनामा मांगा गया। अनुराग ठाकुर को प्रेस कॉन्फ्रेंस किए 24 घंटे से ज्यादा हो गए हैं, लेकिन उन्हें कोई नोटिस नहीं आया। पवन खेड़ा
कांग्रेस प्रवक्ता
'वाराणसी का डेटा मिले तो साबित कर देंगे पीएम की कुर्सी चोरी हुई'
खेड़ा ने कहा कि यदि बीजेपी के पास इलेक्ट्रॉनिक डेटा आ ही गया है तो हमें भी वाराणसी की वोटर लिस्ट की पेन ड्राइव का इंतजार है। उन्होंने कहा, 'अगर वाराणसी की इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट मिल जाए तो सबको यकीन हो जाएगा कि काउंटिंग के दिन प्रधानमंत्री को फर्जी वोटरों का एक बूस्टर डोज मिला था। नरेंद्र मोदी वाराणसी से चुनाव हार रहे थे। गंगा पुत्रों ने उनका इलाज कर दिया था, लेकिन फर्जी वोटर्स का एक बूस्टर डोज मिलने के बाद अचानक पता चला कि नरेंद्र मोदी जीत की ओर बढ़ गए हैं।'
उन्होंने आरोप लगाया कि अगर हमें वाराणसी की इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट मिल जाए तो हम साबित कर देंगे कि मोदी, प्रधानमंत्री की कुर्सी चुराकर पद पर बैठे हैं। उन्होंने आगे कहा, 'बीजेपी कहती है कि राहुल गांधी जी को देश की संस्थाओं पर भरोसा नहीं है, तो क्या कल अनुराग ठाकुर संस्थाओं पर भरोसा कर रहे थे?'
अमित मालवीय के दावों पर जवाब
पवन खेड़ा ने बीजेपी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के उस दावे का भी खंडन किया, जिसमें उन्होंने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी की मतदाता सूची में मौजूदगी पर सवाल उठाए थे। खेड़ा ने इसे बेबुनियाद और हास्यास्पद करार देते हुए कहा कि बीजेपी झूठ फैलाने में माहिर है। उन्होंने कहा, 'अमित मालवीय को पहले तथ्य जांचने चाहिए। सोनिया गांधी एक सम्मानित नेता हैं, और उनके खिलाफ इस तरह के आधारहीन आरोप लगाना बीजेपी की हताशा को दिखाता है।'
अनुराग ठाकुर के बयानों का ज़िक्र
कांग्रेस ने अनुराग ठाकुर के हालिया बयानों को आधार बनाते हुए दावा किया कि ठाकुर ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में छह लोकसभा सीटों पर फर्जी मतदाताओं की बात स्वीकारी, जिससे चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। खेड़ा ने कहा, 'जब राहुल गांधी ने 7 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस की तो चुनाव आयोग ने तुरंत नोटिस जारी कर दिया। लेकिन अनुराग ठाकुर को 24 घंटे बाद भी कोई नोटिस नहीं मिला। यह दोहरा रवैया क्या दिखाता है? क्या बीजेपी को विशेष छूट दी जा रही है?'
चुनाव रद्द करने की मांग
पवन खेड़ा ने 2024 के लोकसभा चुनाव को रद्द करने की मांग को दोहराते हुए कहा कि मतदाता सूची में गड़बड़ी और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन से संबंधित शंकाओं ने पूरे चुनाव की वैधता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा, 'वायनाड में प्रियंका गांधी 4 लाख 93 हजार वोटों से जीतीं। अगर फर्जी वोट नहीं होते, तो वह 5 लाख वोटों से जीततीं।' खेड़ा ने चुनाव आयोग से मांग की कि वह तत्काल सभी संबंधित आंकड़े विपक्षी दलों को सौंपे, ताकि सच सामने आए।
बीजेपी ने क्या आरोप लगाए
अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस हार का ठीकरा संवैधानिक संस्थानों पर फोड़ने की कोशिश कर रही है। ठाकुर ने दावा किया कि कांग्रेस ने 1952 के पहले चुनाव से ही वोट चोरी की शुरुआत की थी, जिसके चलते संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर को हार का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा, 'कांग्रेस को आत्ममंथन करना चाहिए, न कि ईवीएम और चुनाव आयोग पर बेबुनियाद आरोप लगाने चाहिए।'
इस बीच मतदाता सूची में कथित फर्जीवाड़े को लेकर सुप्रीम कोर्ट में विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। बुधवार को जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने इस मामले पर अहम टिप्पणियां कीं, जिससे यह मुद्दा और गंभीर हो गया है।
कांग्रेस और बीजेपी के बीच मतदाता सूची और चुनावी प्रक्रिया को लेकर तीखी बयानबाजी ने भारतीय राजनीति में एक नया तूफान खड़ा कर दिया है। जहां कांग्रेस ने पूरे 2024 लोकसभा चुनाव को रद्द करने की मांग की है, वहीं बीजेपी इन आरोपों को खारिज कर रही है। इस विवाद ने एक बार फिर चुनाव आयोग की निष्पक्षता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। आने वाले दिनों में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया पर सभी की नजरें टिकी हैं।