चुनाव आयोग (ECI) के हवाले से सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में स्पष्ट किया कि जन प्रतिनिधि अधिनियम, 1951 के तहत 'संदिग्ध मतदाता' (suspicious voters) जैसी कोई श्रेणी मौजूद नहीं है। यह जानकारी तब सामने आई जब समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने पूछा कि क्या पिछले लोकसभा चुनावों में संदिग्ध मतदाताओं ने वोट डाला था। यह जवाब बिहार में चल रहे मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (Bihar SIR) के बीच आया है, जहां अवैध आप्रवासियों और विदेशी लोगों के नाम शामिल होने के आरोपों पर कार्रवाई की जा रही है। इस बीच विपक्षी दलों ने कहा है कि बिहार एसआईआर को अब से वोट चोरी कहा जाएगा।