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मदरसा बंद करने वाले मुसलिम के हितैषी: सरमा

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा है कि जो कोई भी मदरसों को बंद करता है और समान नागरिक संहिता की बात करता है, वह वास्तव में भारतीय मुसलमानों का हितैषी है। सरमा ने हाल ही में राज्य में सरकार द्वारा वित्त पोषित मदरसों को बंद करने के लिए एक विवादास्पद क़दम उठाया है। सरमा के उस फ़ैसले की अल्पसंख्यक समुदाय के लोग आलोचना कर रहे हैं।

हिमंत सरमा आरएसएस से जुड़ी पत्रिकाओं ऑर्गनाइज़र और पांचजन्य के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में रविवार को आयोजित एक कार्यक्रम में संबोधित कर रहे थे।

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असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर भारतीय मुसलमानों को शिक्षा में प्रगति करनी है तो मदरसा शब्द विलुप्त हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'यदि आप धर्म की शिक्षा देना चाहते हैं, तो आप इसे घर पर दीजिए। स्कूलों में आप विज्ञान, गणित सीखते हैं…।'

एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पर निशाना साधते हुए सरमा ने कहा कि मदरसों को बंद करना और समान नागरिक संहिता लागू करना मुसलमानों के हित में होगा। उन्होंने कहा, 'हमें हिंदुत्व के लिए ऐसा नहीं करना है। जो मदरसों को बंद करते हैं और समान नागरिक संहिता लागू करते हैं, भारतीय मुसलमानों को उन्हें अपना दोस्त और ओवैसी को अपना दुश्मन कहना चाहिए।'

सरमा ने प्रवासियों का विवाद छेड़ते हुए कहा, 'पहले हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम अधिक भूमि, अधिक निर्वाचन क्षेत्रों को न खोएं... बाद में जब एनआरसी लागू किया जाएगा तो कानूनी और अवैध की परिभाषा आएगी और फिर हमें और अधिक करने का मौका मिलेगा।' द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में 36 फ़ीसदी मुसलिम आबादी तीन तरह के लोगों में बँटी हुई है। एक, जो 'स्वदेशी मुसलमान' हैं, जिनकी संस्कृति और जीवन के तरीके 'आप और मैं' जैसे हैं। दूसरा उन लोगों का है जिनके बारे में उन्होंने कहा कि शायद वे दो पीढ़ियों पहले परिवर्तित हो गए थे। सरमा ने आगे कहा, 'उनके घरों में अभी भी सामने तुलसी का पौधा है और उनकी महिलाएँ अभी भी हमारे रीति-रिवाजों का पालन करती हैं। इन दोनों के अलावा, बाकी 1971 के पहले या बाद में बस गए। वे खुद को मिया के रूप में पहचानते हैं।'

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राहुल गांधी पर हमला किया

इसके साथ ही पूर्व में कांग्रेसी नेता रहे असम के मुख्यमंत्री सरमा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के 'भारत राज्यों का एक संघ' वाले बयान की आलोचना की। उन्होंने कहा, 'अगर भारत राज्यों का एक संघ है तो 5,000 साल के समृद्ध इतिहास के बारे में क्या? जब कांग्रेस ने खुद को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस कहा और पूरे भारत में बैठकें कीं, तो क्या इसका मतलब राज्यों के संघ के रूप में था? राहुल गांधी इसे राज्यों का संघ बताकर देश को तोड़ने की बात कर रहे हैं। परोक्ष रूप से वह अलगाववादी भावनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं। यह उल्फा के कहने से अलग नहीं है, केवल इस्तेमाल की जाने वाली भाषा अलग हो सकती है।' 

उन्होंने कहा, 'लेकिन यह उनकी ग़लती नहीं है। हो सकता है कि वह जेएनयू के किसी व्यक्ति से ट्यूशन ले रहे हों और ये चीजें सीख रहे हों।' बता दें कि सरमा इससे पहले 22 साल तक कांग्रेस के साथ ही रहे थे। शनिवार को लंदन में एक कार्यक्रम में राहुल गांधी ने कहा था कि भारत संविधान में वर्णित राज्यों का एक संघ है।

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क़मर वहीद नक़वी
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